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गोरखपुर

यूपी के इस विवि में रैगिंग से छात्रा को पैनिक अटैक, रात के डेढ़ बजे हाॅस्टल से निकाला!

वीडियो जारी कर छात्रा ने बयां किया दर्द

गोरखपुरSep 08, 2019 / 01:39 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

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एक तरफ देश के प्रधानमंत्री बेटियों को पढ़ाने और बचाने की बात करते हैं दूसरी ओर उसी केंद्र सरकार से गवर्न होने वाले एक विश्वविद्यालय में निरंकुश प्रशासन की वजह से एक बेटी को पढ़ाई से वंचित कर दिया गया। इतना रैगिंग किया गया कि उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। निष्ठुरता की हद तो यह कि एक अकेली अबला को रात के डेढ़ बजे जबरिया हाॅस्टल से निकाल दिया गया और जिम्मेदार चुपचाप आंखें मूंदे रहे। यह प्रकरण बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का है।
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गोरखपुर के गोरखनाथ क्षेत्र के रहने वाले बांके बिहारी तिवारी की पुत्री नम्रता तिवारी ने बीएससी आनर्स फाॅरेंसिक सांइस में दो साल पहले दाखिला लिया था। लेकिन वहां सीनियर्स की रैंगिंग की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान हो गई। किसी तरह पहला साल तो पास कर लिया लेकिन सीनियर्स व शिक्षकों के उत्पीड़न की वजह से उसे पैनिक अटैक आ गया।
‘पत्रिका’ से बातचीत में नम्रता ने बताया कि इलाज के लिए उसके परिजन उसे गोरखपुर लाना चाहते थे। इसके लिए उस विवि से छुट्टी लेनी पड़ती। जब वह और उसके पिता कुलपति से मिले तो उन्होंने घर जाकर इलाज कराने के लिए कहते हुए यह आश्वस्त किया कि जब परीक्षा के डेट आएंगे तो उसे बता दिया जाएगा। अगर परीक्षा में वह सम्मिलित नहीं हुई तो भी बाद में परीक्षा करा दिया जाएगा। 28 फरवरी को नम्रता घर चली आई। यहां से स्वास्थ्य लाभ लेकर जुलाई में वह पुनः विवि पहुंची। लेकिन विवि ने दुबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया।
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नम्रता बताती है कि उसने पुनः सेकेंड ईयर में पढ़ने के लिए आवेदन किया। क्लास करने लगी। लेकिन शिक्षकों का व्यवहार उसके प्रति बेहद खराब रहा। रैगिंग अपने चरम पर पहुंच गया। शिकायत करने के बाद भी किसी ने नहीं सुनी।
नम्रता बताती हैं कि एक दिन हाॅस्टल के कमरे में वह पढ़ रही थी। बगल के कमरे में कुछ लड़कियां बर्थ डे सेलीब्रेट कर रहीं थी। उसने शोर मचाने से मना किया तो वे लोग मारपीट की। वार्डन और गार्ड ने भी उन्हीं लड़कियों का साथ दिया। नम्रता ने बताया कि पूर्व छात्रा बताकर उसे रात के डेढ़ बजे हाॅस्टल से बाहर निकाल दिया गया।
एक वीडियो जारी कर नम्रता ने परेशान होकर आत्महत्या की बात तक कह डाली है। (पत्रिका पेज पर आप नम्रता के उस वीडियो पर देख सकते हैं।)
वह कहती है कि कुलपति, राज्यपाल आंनदीबेन, मुख्यमंत्री तक से शिकायत कर चुकी है लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पा रहा।
हालांकि, इस पूरे प्रकरण पर बुंदेलखंड विवि के कुलपति या विवि का पक्ष नहीं मिल सका है। उनका पक्ष मिलते ही उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
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