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गोरखपुर

कोरोना का खौफ, जेल भेजने से पहले 15 दिन क्वारंटीन किये जायेंगे कैदी

अस्थायी जेल बनाने की तैयारी, स्थान चिन्हित।

गोरखपुरMay 21, 2020 / 01:33 pm

रफतउद्दीन फरीद

Gorakhpur jail

गोरखपुर जेल

गोरखपुर. कोरोन वायरस महामारी जिस तरह से फैल रही है उससे सरकार की चिंताएं और बढ़ गयी हैं। ख़ासतौर से प्रवासी मज़दूरों की वापसी के बाद जिस तरह से कोविड 19 मरीज़ों की संख्या बढ़ी है, शासन-प्रशासन की ओर से इसको और न फैलने देने की कोशिशें भी तेज़ हो गयी हैं।

 

कोरोना वायरस महामारी से अब जेल भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। पहले मेरठ और फिर आगरा में कैदियों को के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद अब बंदियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। यूपी सरकार ने भी इसको लेकर जेलों के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। कैदियों के लिए बाकायदा अस्थायी जेल बनायी जा रही है। अब कोई भी नया कैदी बिना 14 दिन क्वारंटीन पूरा किए सीधे जेल नहीं भेजा जाएगा।

  • शासन की ओर से इसको लेकर निर्देश जारी किया गया है कि जिन ज़िलों में 20 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस हों वहां अस्थाई जेल बनाई जाए। इसके अलावा जेल में आने वाले राशन और दूध के पैकेट आदि को विसंक्रमित करने के तौर तरीकों के बारे में भी जेलों को बताया गया है।

 

गोरखपुर में जिस तरह से कोरोना के मरीज़ बढ़ रहे हैं, उससे जेल में भी इसके फैलने का खतरा बढ़ गया है। जेल के कैदियों तक ये बीमारी न पहुंचे इसके लिए दो अस्थायी जेल बनाने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। जेल प्रशासन की ओर से इस प्रस्ताव की एक विस्तृत रूपरेखा बनाकर डीएम को भेजा जा चुका है। इस पर मुहर लगते ही अस्थायी जेल बनकर अस्तित्व में आ जाएगा। आगरा सहित कई ज़िलों में जहां कोरोना के ज़्यादा मामले आए हैं वहां अस्थायी जेल बना दिया गया है।

 

गोरखपुर में अस्थायी जेल के लिए कौआबाग व डेयरी कॉलोनी में दो स्कूलों को चिन्हित किया गया है। इसकी सुरक्षा जेल की तरह ही फूल प्रूफ होगी। जो भी कैदी जेल भेजे जाएंगे उनका पहले स्वस्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और फिर 15 दिन तक अस्थायी जेल में रखा जाएगा। उनकी कोरोना जांच कराई जाएगी और तबीयत खराब होने पर पुलिस अभिरक्षा में अस्पताल भेजा जाएगा। हर तरह की रिपोर्ट नेगेटिव होने और पूरी तरह स्वस्थ होने पर ही कैदी को मुख्य जेल में भेजा जाएगा।

 

अभी जेल में ही अलग रखे जा रहे हैं नए कैदी

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जेल प्रशासन लगातार सतर्कता बरत रहा है। जो भी नए कैदी आ रहे हैं उनको पुराने कैदियों से दूर रखा जा रहा है। नए कैदियों को जेल में ही दूसरे बंदियों से दूर एक अलग बैरक में रखा जा रहा है।

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