इसके साथ ही विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। इससे पहले गोला में तैनाती के दौरान भी हिस्ट्रीशीटर पर मेहरबानी को लेकर अश्वनी तिवारी घिरे थे और थानेदारी गंवानी पड़ी थी। दरअसल, एम्स इलाके के रुद्रापुर निवासी महेश कुमार गुप्ता ने एसपी सिटी को जमीन और दुकान के नाम पर जालसाजी करने का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र पर एसपी के आदेश पर जांच शुरू की गई तो पता चला कि पंकज जायसवाल ने मन्नू निषाद, अखिलेश, उदयभान और राजकुमार की मदद से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन के नाम पर रुपए लिए हैं। रुपये भी खाते और चेक से लिए गए हैं। इसमें मन्नू को काश्तकार बताकर उसके नाम पर भी चेक लिए गए थे। जांच के बाद चौरीचौरा थाने में क्राइम नंबर 65/2024 में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी, धमकी देने, रुपये हड़पने सहित कई धाराओं का केस दर्ज किया गया।
पुलिस ने जब उनकी तलाश शुरू की तो आरोपित पकंज कोर्ट गया और स्टे ले लिया। इसी बीच उसने बड़ी चालाकी से एम्स थाने में 22 अप्रैल को क्राइम नंबर 189 जालसाजी, रुपया हड़पने और धमकी देने का केस दर्ज कराया। इसमें उसने बताया कि महेश गुप्ता ने जमीन के नाम पर जालसाजी की।
उसने चेक मन्नू के नाम पर दिया है, जो जमीन का काश्तकार है। अब मामला खुलने पर हड़कम्प मच गया। पुलिस ने अपनी गलती को सुधारने के साथ ही आरोपी पंकज की तलाश शुरू कर दी। वहीं उसके साथी मन्नू निषाद को चौरीचौरा पुलिस ने 28 अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पूरे मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि पंकज की तरफ से केस दर्ज कराने में एम्स थाने के एसएसआई अश्वनी तिवारी की भूमिका संदिग्ध मिली। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि अश्वनी तिवारी को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच कराई जा रही है।