बहुत मंथन के बाद उपेंद्र दत्त शुक्ल पर बनी सहमति बीजेपी के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार गोरखपुर संसदीय उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर योगी कमलनाथ का नाम प्रस्तावित किया गया था। गोरखनाथ
मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ दशकों से मंदिर में रह रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ भी मंदिर के ही किसी को चाहते थे लेकिन संगठन की ओर से क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ल का नाम सामने आया। सभी समीकरणों और हालातों को सोचने समझने के बाद बीजेपी ने संगठन से जुड़े व्यक्ति को ही प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया।
20 को होगा पर्चा दाखिला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का पर्चा दाखिला 20 फरवरी को होगा। सपा ने निषाद समाज का प्रत्याशी दिया संसदीय उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने निषाद समाज से प्रत्याशी देकर राजनैतिक समीकरण साधने की कोशिश की है। निषाद समाज से ताल्लुक रखने वाले संतोष निषाद एक पढ़े लिखे युवा हैं। एनआईईटी नोएडा से आॅटोमोटिव तकनीकी में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले प्रवीण उर्फ संतोष निषाद अपने पिता डाॅ.संजय निषाद के साथ कई सालों से राजनीति में सक्रिय हैं। पिता द्वारा निषाद समुदाय की एकजुटता के लिए निषाद दल बनाने के बाद संतोष उर्फ प्रवीण कुमार निषाद राजनीति में सक्रिय हैं। तीन भाईयों में मंझले संतोष गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए निषाद दल के प्रभारी भी थे।
डाॅ.सुरहिता को उतार कर कांग्रेस ने विपक्षी एकता को दरकाया कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए प्रसिद्ध चिकित्सक डाॅ.सुरहिता करीम को प्रत्याशी बनाया है। डाॅ.सुरहिता कांग्रेस से लंबे समय से जुड़ी हैं। वर्तमान में वह कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता हैं। डाॅ.सुरहिता करीम 2012 में मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। 83 हजार से अधिक मत पाकर सुरहिता चुनाव जीत नहीं सकी थी। गाॅयनो स्पेशलिस्ट डाॅ.सुरहिता के 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा थी। लेकिन उन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। सामाजिक कार्याें में काफी रूचि रखने वाले करीम दंपत्ति गोरखपुर में काफी लोकप्रिय नाम है। 2010 में दंपत्ति ने फिल्म निर्माण कर गोरखपुर को फिल्म जगत में भी प्रसिद्धि दिलायी थी।