देवरिया जिले के लार थाना क्षेत्र के पिंडी गांव निवासी 45 वर्षीय जितेंद्र बहादुर सिंह लार में हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। उन्होंने शाहपुर थाना क्षेत्र के जंगल तुलसीराम में दो हजार वर्ग फुट जमीन ओम प्रकाश सिंह से अपने पत्नी फूलमती के नाम वर्ष 2014 में बैनामा कराया था। उसी समय पीएसी में तैनात सिपाही सत्येंद्र सिंह ने भी अपनी पत्नी बिंदु सिंह के नाम 2000 वर्ग फुट जमीन वहीं पर लिया था।
सत्येन्द्र सिंह जमीन पर कब्जा कर निर्माण करा रहे थे तो वहीं जितेंद्र बहादुर ने अपने जमीन में कब्जा करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ शिकायत की थी। लेखपाल की रिपोर्ट जितेन्द्र के पक्ष में थी। विवाद को सुलझाने के लिए 21 मार्च 2023 को शाहपुर पुलिस राजस्व टीम के साथ मौके पर गई थी लेकिन दोनों पक्ष के सहमत न होने पर पुलिस चली आई थी।
जितेन्द्र ने अपनी जमीन से कब्जा हटाने के लिए कई बार अफसरों से फरियाद की लेकिन मामले का हल नहीं निकला। उधर, सत्येन्द्र सिंह जमीन को छोड़ने की जगह उस पर निर्माण के लिए सरिया सहित अन्य सामान गिरवा लिए थे। आरोप है कि सत्येंद्र सिंह ने जितेन्द्र पर सरिया चोरी का आरोप लगा दिया।
शाहपुर के कौआबाग चौकी इंचार्ज विवेक रंजन ने इस मामले में पूछताछ के लिए जितेन्द्र को बुलाया था। इस घटना से आहत होकर जितेन्द्र सिंह ने रविवार को जहर खा गोरखनाथ थाने पहुंच गया। आनन-फानन में उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर की टीम उसका इलाज कर रही है। पुलिस अधिकारियों के साथ ही मजिस्ट्रेट ने जितेन्द्र का बयान दर्ज किया है। मौके पर शाहपुर-गोरखनाथ और गुलरिहा थाने की पुलिस मौजूद है।
जहर खाने से पहले लिखा, सुसाइड नोट जितेंद्र बहादुर सिंह ने जहर खाने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिख कर अपने पास रख लिया था। उसके पास से मिले नोट में उसने लिखा है कि विगत दो वर्षों से मेरे जमीन पर सत्येंद्र सिंह पुत्र स्वर्गीय हेमलाल सिंह निवासी धतौनी बहोर पोस्ट भटहवा बरहज देवरिया द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिसमें शाहपुर थाना के कौआबाग चौकी इंचार्ज विवेक रंजन के साथ मिलकर झूठे चोरी सहित अन्य तरह से फंसाने का प्रयास किया गया और प्रताड़ित किया जा रहा है इससे आहत होकर मैं अपना प्राण त्याग रहा हूं। इसकी सारी जिम्मेदारी सत्येंद्र सिंह और चौकी इंचार्ज कौआबाग विवेक रंजन की है। इसमें राजस्व विभाग का धीमी रवैया भी शामिल है।
जितेन्द्र सिंह की लार में हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं, उनके दो बेटें हैं। बड़ा बेटा बीबीडीयू लखनऊ से एलएलबी कर रहा है। दूसरा बेटा केन्द्रीय विद्यालय एयरफोर्स में 12वीं का छात्र है। जितेन्द्र सिंह हिन्दू युवा वाहिनी लार में संयोजक भी रह चुके हैं। वर्तमान में पूर्वांचल मुक्ति वाहिनी में प्रदेश संयोजक हैं।
एक ही दिन तीन लोगों ने शाहपुर इलाके में रजिस्ट्री कराई थी। तीनों आपस में रिश्तेदार हैं। उन्होंने 2000-2000 वर्ग फीट जमीन खरीदी थी। रजिस्ट्री के हिसाब से तीनों का बराबर-बराबर फ्रंट बंटवारा होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जितेन्द्र के हिस्से के फ्रंट पर सत्येन्द्र काबिज हैं। विवाद की यही वजह है।
राजस्व टीम ने इसके निपटाने के लिए बंटवारा दाखिल करने के लिए कहा था ऐसा करने से तीनों की जमीन का एक बराबर बंटवारा हो जाता लेकिन जितेन्द्र की तरफ से बंटवारा के चक्कर में पड़ने के बजाए पुलिस प्रशासन ने मौकी की स्थिति के अनुसार बराबर बांटने का अनुरोध किया जा रहा था, जबकि राजस्व टीम यह तो मान रही थी कि सत्येन्द्र गलत है पर वह बंटवारे दाखिल कर आने के लिए कह रही थी।
SSP गोरखपुर SSP गोरखपुर डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि गोरखनाथ थाने में एक व्यक्ति आया, उसने कहा कि मैने जहर खा लिया है। पुलिस ने तुरंत उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। इस दौरान पूछताछ में पता चला कि उसका नाम जितेन्द्र है उसका जमीन का विवाद है। शुरुआती जांच में सामने आया कि शाहपुर इलाके में एक ही दिन तीन लोगों ने एक साथ जमीन खरीदी है।
कब्जे को लेकर जितेन्द्र का उसके रिश्तेदार सत्येन्द्र से विवाद चल रहा है। जितेन्द्र ने इसको लेकर प्रार्थनापत्र दिया था। उसका कहना था कि मेरी जमीन पर सत्येन्द्र ने कब्जा कर लिया है। जमीन बंटवारे का मामला था ऐसे में लेखपाल ने बंटवारा दाखिल करने के लिए कहा था।
इस बीच सत्येन्द्र पक्ष ने जितेन्द्र पर सरिया चोरी का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। चौकी इंचार्ज ने पूछताछ के लिए बुलाया था,जितेन्द्र को ऐसा लग रहा था कि जमीन भी नहीं मिल रही है उल्टे चोरी का आरोप भी लग गया है। पूरे मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।