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गोरखपुर

मुख्यमंत्री के जिले में इस पीड़ित परिवार ने क्यों किया ब्रह्मभोज से इनकार

रिटायर्ड दरोगा केे परिवारीजन के ब्रह्मभोज नहीं करने के निर्णय से पुलिस प्रशासन परेशान

गोरखपुरApr 14, 2018 / 04:11 am

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

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गोरखपुर। रिटायर्ड दरोगा और उनके पुत्र की सरेराह गोली मारकर की गई हत्या के बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। परिवारीजन ने मुख्य आरोपी राघवेंद्र की गिरफ्तारी तक ब्रह्मभोज करने से इनकार कर दिया है। पीड़ित परिवार के इस ऐलान से पुलिस प्रशासन की पेशानी पर बल पड़ने लगा है। मुख्य आरोपी राघवेंद्र इस डबल मर्डर के पूर्व भी एक डबल मर्डर करके करीब 27 माह से फरार चल रहा है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके परिवार में चार लोगों की हत्या हो चुकी है। परिवार सुरक्षित नहीं है। जबतक मुख्य आरोपी राघवेंद्र बाहर रहेगा उनका परिवार सुरक्षित नहीं है।
बता दें कि रिटायर्ड दरोगा व उनके पुत्र मर्डर में नौ लोग आरोपी बनाए गए हैं। चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पांच़ लोग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस विभाग दावा कर रहा है कि पांचों अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें बनाई जा चुकी हैं। आरोपियों की तलाश हर संभावित ठिकानों पर की जा रही है। रिश्तेदारों पर भी नजर रखी जा रही और उनसे पूछताछ चल रही है।
डबल मर्डर केस की ही सुनवाई से लौट रहे थे पिता-पुत्र

झंगहा थानाक्षेत्र के सुगहा गांव के रहने वाले जय हिंद यादव पुलिस विभाग से रिटायर्ड दरोगा थे। वह अपने पुत्र नागेंद्र यादव के साथ 10 अप्रैल 2018 मंगलवार की शाम को गोरखपुर से घर जा रहे थे। 6 जनवरी 2016 को हुई भाई और भतीजेे की हत्या केे केस की सुनवाई में जयहिंद यादव अपने बेटे के साथ गए थे। घर जाते वक्त बरही चैकी के गजायलकोल पुलिया के पास बुलेट पर सवार कुछ बदमाश आतेे हैं और सरेराह गोलियों से भून कर फरार हो गए। गोली लगने से दोनों वहीं ढेर हो गए। गोली चलने की आवाज से लोग दौड़े हुए आये। दोनों वहीं पड़े रहे। देखते ही देखते परिजन व गांव के काफी संख्या में लोग पहुंच गए। इसी बीच किसी की सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। लेकिन पुलिस को देखते ही लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। लोग आक्रोशित हो गए। देखते ही देखते उनका गुस्सा भड़क गया। गुस्साएं लोगों ने पुलिस को दौड़ा लिया। पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। लोगों का आक्रोश बढ़ता देख भारी मात्रा में फोर्स बुला ली गई। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। लोग शव को रखकर आक्रोशित थे। पुलिस ने लोगों को हटाने केलिए लाठीचार्ज कर दिया। दौड़ा-दौड़ाकर लोगों की पिटाई करनी शुरू कर दी। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। करीब तीन घंटें की मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। परिवारीजन को भी पुलिस अपने साथ लेकर गई। तनाव को देखते हुए गांव तथा आसपास के क्षेत्रों में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। रात भर निगहबानी होती रही। चार दिनों से गांव और आसपास का इलाहा पुलिस छावनी में तब्दील है।
चक की जमीन के लिए हो चुकी है चार हत्याएं

रिटायर्ड दरोगा जयहिंद यादव के परिवार की गांव में जमीन है। इस जमीन को लेकर दूसरे पक्ष से कुछ सालों से विवाद चला आ रहा है। चकबंदी के दौरान यह विवाद गहराया। बताया जाता है कि इसी विवाद में जयहिंद यादव के भाई बलवंत और भतीजा कौशल की दूसरे पक्ष ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में पांच लोग नामजद थे। लेकिन दो साल से अधिक समय बीतने के बाद भी मुख्य आरोपी फरार चल रहा था। रिटायर्ड पुलिसकर्मी जयहिंद यादव पुलिस विभाग में तमाम बार अर्जी देकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर चुके थे।
दो साल से फरार है राघवेंद्र
चार हत्याओं का आरोपी पचास हजारी इनामी बदमाश राघवेंद्र यादव करीब 27 महीने से फरार चल रहा है। फरारी के दौरान ही उसने रिटायर्ड दरोगा और उनके पुत्र की हत्या की है।

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