बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन भी लगेंगे। जगह-जगह महिला पुलिस कियास्क बनाए जाएंगे, जहां महिला पुलिस कर्मी तैनात रहेंगी। महिला कर्मियों को लाने व ले जाने के लिए बस और एसयूवी की व्यवस्था की जाएगी। महिलाओं की शिकायत दर्ज कराने में सहायता के लिए पिंक आउट-पोस्ट (चौकियां) स्थापित की जाएंगी, जो पूरी तरह महिला पुलिसकर्मी ही संचालित करेंगी।
खस्ताहाल थाने, चौकी और आवास में रह रहे पुलिस कर्मियों के दिन अब बहुरेंगे। आवासों और थानों की मरम्मत के लिए जहां अलग से बजट आवंटित हुआ है, वहीं पुलिस कर्मियों के हाथों में आधुनिक असलहे होंगे। इसके लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।
सेफ सिटी परियोजना के तहत गोरखपुर के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने के साथ ही उसे प्रभावी बनाया जाएगा। इसमें काउंसलर (परामर्शदाता) की तैनाती भी होगी। इसके अलावा वर्तमान आशा ज्योति केंद्रों को और प्रभावी बनाया जाएगा।
सुरक्षा के लिहाज के लिए गोरखपुर में पीएसी की महिला बटालियन की स्थापना को और गति मिलेगी। इसके निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। अब बजट का और प्रावधान किया गया है। इससे काम को रफ्तार मिलेगी। माना जा रहा है कि इसकी स्थापना भी गोरखपुर में जल्द हो जाएगी। इसके बाद महिलाओं की सुरक्षा और सख्त हो जाएगी।