बुधवार को पुलिस और एलआईयू की संयुक्त टीम ने 60 विदेशी नागरिकों को पकड़ा था। सभी को अलग-अलग सोसायटी व सेक्टर से पकड़ा गया। इसमें 32 पुरुष और 28 महिलाएं शामिल थीं। पुलिस जांच में 9 की वीजा अवधि समाप्त मिली, जबकि 8 के पास फर्जी वीजा पाए गए थे। सभी को पुलिस लाइन में घोषित किए डिटेंशन सेंटर के कमरों में रखा गया था। पुरुषों को अलग और महिलाओं को अलग कमरे में रखा गया। पुलिस की तरफ से विदेशियों को उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी बीच पुलिस लाइन में बने डिटेंशन सेंटर से 12 विदेशी नागरिक पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए।
विदेशियों के भाग जाने की जानकारी आला अधिकारियों को लगी तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। सूत्रों का कहना है कि जहां पर विदेशी नागरिकों को रखा गया था, वहां पहरा कमजोर था। आरोप है कि पुलिस की निगरानी भी ठीक ढंग से नहीं की जा रही थी। इसी का फायदा उठाकर विदेशी नागरिक फरार हो गए। फरार होने वालों में महिलाएं भी हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण का कहना है कि फरार विदेशी नागरिकों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें गठित कर दी गईं। एलआईयू को भी लगाया गया है।
डिपोर्ट करने की जा रही थी तैयारी आॅपरेशन क्लीन के तहत ग्रेटर नोएडा में बगैर वीजा-पासपोर्ट के रह रहे विदेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया। इसके तहत सूरजपुर कोतवाली, बीटा-2 कोतवाली, दादरी आदि पुलिस ने मिलकर धरपकड़ कर अभियान चलाया। ग्रेटर नोएडा में करीब 320 विदेशियों के कागजात चेक किए गए। इनमें 60 विदेशियों के कागजात अधूरे मिले। साथ ही कई फर्जी वीजा और पासपोर्ट के मिले। जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर पुलिस में डिपोर्ट करने के लिए रखा था। पुलिस ने इनके पास से 222 बीयर की बोतल, 3.5 किलोग्राम गांजा, 6 लैपटॉप, 114 सिमकार्ड दरअसल, पुलिस जांच में आया था कि विदेशी भारत में रहने के लिए जेल जाने से भी नहीं डरते है। ताकि केस चलता रहे और वो भारत में रह सके। जिससे देखते हुए नोएडा पुलिस ने उन्हें डिपोर्ट करने के लिए पुलिस लाइन में रखा था।
दाल रोटी से दूरी, मीट की विदेशियों ने डिमांड पुलिस लाइन में रखे गए विदेशियों को खाने में दाल रोटी दी गई। लेकिन किसी ने भी दाल रोटी नहीं खाई। विदेशियों की तरफ से मुर्गा-मीट की डिमांड की गई। दरअसल, पकड़े गए सभी विदेशी नाइजीरिया, केन्या, तंजानिया, कोस्ट, अंगोला, फिलीपींस, जंबीया के रहने वाले है।