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Greater Noida: हाईकोर्ट ने सुपरटेक के इन फ्लैट्स को घोषित किया अवैध, खरीदने व बेचने पर लगी रोक

locationग्रेटर नोएडाPublished: Nov 07, 2019 11:30:24 am

Submitted by:

sharad asthana

Highlights

सुपरटेक जार प्रोजेक्ट के 1060 फ्लैटों की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक
अवैध फ्लैटों को तत्काल सील करने का दिया आदेश
धर्मेंद्र सिंह सेंगर ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

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ग्रेटर नोएडा। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के सेक्टर ओमिक्रान-1 स्थित सुपरटेक (Supertech) के जार ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में बन रहे 1060 फ्लैटों को अवैध घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट ने फ्लैटों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने सुपरटेक को नोटिस जारी कर खरीदारों को कब्जा नहीं देने को कहा था। इसके बावजूद सुपरटेक ने इन अवैध फ्लैटों को खरीदारों को बेचा और कब्जा भी दिया।
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यह है मामला

हाईकोर्ट ने इसे अवैध ही नहीं अपराध भी माना है। इसी संदर्भ में पूर्व में धर्मेंद्र सिंह सेंगर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इन सभी अवैध फ्लैटों को सील करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के ओदश के बाद 5 जुलाई 2019 को औद्योगिक विभाग के प्रिंसिपल सेक्रटरी ने एक आदेश पारित कर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सील को हटाने का आदेश दिया था। प्रिंसिपल सेक्रेटरी के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
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यह भी दिया आदेश

उस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध बने 1060 फ्लैटों के खरीद-फरोख्त और ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया गया है कि सुपरटेक उन सभी फ्लैट खरीदारों को लिखित में सूचित करे कि उसने जो फ्लैट बेचा है, उसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अवैध घोषित किया है। इसके अलावा न्यायालय ने भी इसके खरीदने-बेचने और कब्जा लेने पर रोक लगाई है। इसके बाद भी यदि कोई इन अवैध फ्लैट को खरीदता या बेचता है या किसी भी तरीके से लेन-देन करता है तो वह स्वयं और बिल्डर जिम्मेदार होगा। न्यायालय ने प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वह अवैध फ्लैटों को तुरंत सील करे और इसकी काउंटर एफिडेविट न्यायालय में 12 दिसंबर को जमा करे।
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