ग्रामीणों ने बताया कि बाब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास में सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया हुआ था। लेकिन गुरुवार रात को पुलिस मौजूद नहीं थी। उसी दौरान असामाजिक तत्वों ने घटना को अंजाम दिया है। शुक्रवार की सुबह मामले की सूचना मिलने पर ग्रामीणों की मौके पर भीड़ इक्टठा हो गई। यह घटना तेजी के साथ में आस-पास के एरिया में फैल गई। घटना के बाद में लोगों की मौके पर भीड़ इक्टठा हो गई। वहीं सूचना मिलने पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया। फिलहाल मौके पर तनाव बना हुआ है।
पुलिस के साथ-साथ अफसर भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने भीड़ को दूसरी प्रतिमा लगाने का आश्वासन दिया है। उसके बाद में ग्रामीण शांत हुए। एसपी देहात सुनीति सिंह ने बताया कि तनाव की कोई बात नहीं है। दूसरी प्रतिमा लगवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले अराजक तत्वों को जल्द ही अरेस्ट कर लिया जाएगा। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
भारत बंद के दौरान तैनात की गई थी पुलिस बताया गया है कि भारत बंद के ऐलान के बाद से ही प्रतिमा के पास में पुलिसबल तैनात कर दिया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि दो पुलिसकर्मी तैनात रहते थे। लेकिन गुरुवार रात को पुलिसकर्मी नहीं पहुंचे। इसी का फायदा अराजक तत्वों ने उठाया है। जिसके चलते ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ रोष व्याप्त है।
बिसरख को माना जाता है रावण का गांव बिसरख रावण का जन्मस्थ्ली माना जाता है। रावण का जन्म बिसरख गांव में हुआ था। उनके पिता विश्रवा ऋषि
शिव के भक्त थे। बतया जाता है कि रावण ने गांव में एक शिवलिंग की स्थापना की थी। यह आज भी पूरे वैभव के साथ में गांव में विराजमान और आजतक उसकी गहराई को कोई नहीं जान सका है। इसका जिक्र पुराणों में किया गया है। वहीं आज भी बिसरख गांव में रावण के पुलते का दहन नहीं किया जाता है। बिसरख कोतवाली एरिया के रिछपाल गढ़ी गांव में प्रतिमा तोड़ने की घटना सामने आई है।
बसपा सरकार में हुआ था यह काम , योगी सरकार तलाश रही बिल, अब मचा हड़कंप