शमी-जहां विवाद: हसीन जहां से छेड़छाड़ के आरोपी शमी के बड़े भाई की मुश्किलें भी बढ़ी हर साल टीचरों के स्कूल से बगैर छूट्टी लिए गायब रहनेे और समय पर क्लास में न पहुंचने की शिकायत शिक्षा विभाग के अफसरोें को मिलती रही है। विभाग की तरफ से ऐसे टीचरों पर नकेल भी कसी गई। लेकिन शिक्षा विभाग पूरी तरह अंकुश नहीं लगा पाया है। इस बार शिक्षा विभाग नकेल कसने के लिए हाईटेक तकनीकी का सहारा लेने जा रही है। इसके तहत टीचर का झूठ भी पकड़ा जाएगा। साथ ही शिकायत मिलने पर विभागीय अफसर एक्शन भी ले सकेंगे।
स्मार्टफोन न रखने वाले टीचरों पर ऐसे रखी जाएगी नजर स्मार्टफोन न रखने वाले टीचरों की भी सीधी मॉनिटरिंग होगी। मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है। मॉनिटरिंग सेल की जिम्मेदारी तीन लोगोंं पर होगी। शिक्षकों की लोकेशन की जानकारी के लिए विभागीय अफसर मॉनिटरिंग सेल से टीचरों की लोकेशन के बारे में डेली रिपोर्ट लेंगे। स्मार्टफोन न रखने वाले टीचरों की लोकेशन के बारे में अन्य टीचरों के साथ-साथ मौके पर विभागीय अफसर सीधा किसी भी स्टूडेंट्स से बातचीत करेंगे।
सेल्फी और वाट्सएप के जरिए ऐसे होगी निगरानी बेसिक शिक्षा अधिकारी बाल मुकुंद ने बताया कि मॉनिटरिंग सेल का गठन किया जा चुका है। मॉनिटरिंग सेल हर माह टीचरों का डेटा तैयार करेगी। मॉनिटरिंग सेल डेली कभी भी टीचरों की स्कूल से सेल्फी मंगवाएंगी या फिर वाट्सएप के जरिए टीचरों से आॅनलाइन बात करेंगे। ताकि उनकी सीधी लोकेशन की जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि स्कूलों से गैरहाजिर और समय से स्कूल न पहुंचने वाले टीचरों पर नजर रखने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि स्मार्टफोन न रखने वाले टीचरों की डिटेंल दूसरे टीचरों से ली जाएगी। साथ ही मॉनिटरिंग सेेल स्टूडेंट्स का भी सहारा टीचरों की लोकेशन जानने के लिए ले सकते है।