ग्रेटर नोएडा। जेल में तमाम कैदी आते हैं, कुछ कैदी थोड़े समय के लिए आते हैं तो कई महीनों और सालों एक ही जेल में रह जाते हैं। लेकिन जब परिवार भी साथ छोड़ दे तो उनके लिए जिंदगी और बद्दतर हो जाती है। लेकिन इस बार एक ऐसी महीला बंदी के लिए नई जिंदगी बनकर आए जेल में ही ड्यूटी दे रहे दो सिपाहियों ने। दरअसल महिला बंदी को उसके परिजन ने ही खून देने से इनकार कर दिया, तब पुलिसकर्मी सामने आए।
मामला बिसरख कोतवाली क्षेत्र का है, जहां पिछले साल एक हत्या के मामले में रितु जेल में बंद है। वैसे परिवार उससे मिलने आया करता था। लेकिन कुछ दिन पहले रितु काफी बीमार पड़ गई। जेल प्रशासन ने से इलाज के लिए कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि रितु में तेजी से खून की कमी हो रही और वह एनीमिया से पीड़ित है। उस जल्द ही दो यूनिट खून चढ़ाना होगा।
जेल प्रशासन ने बंदी रितु के परिजनों को सूचना दी। लेकिन परिजनों खून देने से इनकार दिया। इसके बाद प्रशासन खून के इंतजाम में लग गया। तभी बंदी को खून देने के लिए सिपाही कृष्णा देवी व संतोष कुमार आगे आए और दोनों अपना रक्त दान किया। जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया खून चढ़ाए जाने के बाद से रितु की हालत में सुधार है। वहीं जेल में बंद कैदी भी दोनों पुलिसकर्मी के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं।
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