घरवाले दिवाली मना रहे थे, उधर कर्ज से तंग आकर बुजुर्ग ने की आत्महत्या यमुना और ग्रेनो अथॉरिटी की मांग पर एसपी सरकार ने ग्राम पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी थी। बाद में इलाहबाद हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। लेकिन कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को बरकार रखा था। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के 203 गांवों में चुनाव पर रोक लगा चुकी है। गांव में जनप्रतिनिधि न होने की वजह से लोगों ने समस्या भी प्रशासन और अथॉरिटी के सामने रख रहे हैं। लोगों की मानें तो ग्राम पंचायत का गठन न होने की वजह से गांवों में बिजली, पानी जैसी मूलभुत सुविधा नहीं मिल पा रही है। यूपी में बीजेपी सरकार आाने के बाद लोगों को दोबारा से चुनाव होने की उम्मीद जताई थी। चुनाव की मांग को लेकर ग्रामीण भी यूपी के सीएम
योगी आदित्यनाथ से गुहार लगा चुके हैं। वहीं दादरी और नोएडा के विधायकों ने भी शासनस्तर पर यह मांग उठाई थी।
दोनों विधायकों ने शासन से मांग की गई की थी चुनाव न होने की वजह से गांवों में विकास की रफ्तार थम गई है। विधायकों की मांग पर शासन ने मेरठ के कमिश्नर प्रभात कुमार से रिपोर्ट मांगी थी। कमिश्नर प्रभात कुमार ने शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि इन गांवों मेंं ग्राम पंचायत चुनाव की कोई आवश्यकता नहीं है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी इन गांवों के विकास संभाल सकती है। साथ ही अथॉरिटी की तरफ से सभी सुविधा ग्रामीणों को मुहैया कराई जाएगी। दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने बताया कि ग्रामीण लगातार मांग कर रहे थे कि क्षेत्र में ग्राम पंचायत चुनाव हो, ताकि विकास हो सके। उन्होंने बताया कि लोगों की मांग पर शासन को लेटर भेज गया था। वहीं जेवर के विधायक ठाकूर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि चुनाव कराने की मांग दोबारा से सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने रखी जाएगी।