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अधिकारियों के मुताबिक प्राधिकरण व एक्सप्रेस वे का संचालन करने वाली कंपनी ने 2017 में हाइवे साथी एप को लांच किया था। इसके जरिये वाहन चालकों को कोई घटना-दुर्घटना होने पर तुरंत सहायता मिल सकेगी। इसके चलते यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों के लिए इसे जरूरी किया जा रहा है। इसकी निगरानी के लिए आगरा व ग्रेटर नोएडा में जीरो प्वाइंट पर बूथ बनाए जाएंगे। सभी वाहन चालकों के फोन में इस एप को चेक किया जाएगा और इसके बाद ही वाहनों को एक्सप्रेसवे पर चढ़ने की अनुमति होगी। यह भी देखें: 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटे किसान बता दें कि जिस भी चालक के फोन में यह एप होगा और जब वह यमुना एक्सप्रेस वे पर सफर करने के लिए चढ़ेगा तो उसका मोबाइल सीधा सर्वर से जुड़ जाएगा। जिसकी जानकारी ट्रैफिक पुलिस व एक्सप्रेसवे की टीम को रहेगी। ऐसे में यदि कोई हादसा होता है तो एप के जरिये निकटतम एंबुलेंस, अस्पताल, क्रेन, दवा की दुकान, पुलिस स्टेशन आदि की जानकारी भी चालक को मिल जाएगी। साथ ही पुलिस कर्मियों व एक्सप्रेसवे कर्मियों को भी इसकी सूचना पहुंच जाएगी। इसके अलावा अगर एक्सप्रेसवे पर किसी की गाड़ी खराब हो जाती है तो वह भी इस एप के जरिये जानकारी दे सकता है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिहं ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने के लिए वाहन चालकों को फोन में हाइवे साथी एप डाउनलोड करना होगा। इसके बिना उन्हें एक्सप्रेसवे पर नहीं चढ़ने दिया जाएगा। 15 फरवरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।