script1947 में PAK जा चुके लोगों की जमीन बेचकर हुए मालामाल, अब जांच में हुआ बड़ा खुलासा | Land mafia sell custodian land of people left for pak during partition | Patrika News
ग्रेटर नोएडा

1947 में PAK जा चुके लोगों की जमीन बेचकर हुए मालामाल, अब जांच में हुआ बड़ा खुलासा

Highlights
– दादरी तहसील पर भूमाफियाओं के खिलाफ जमकर हंगामा
– सरकारी अफसरों की मिली भगत का आरोप

ग्रेटर नोएडाSep 05, 2020 / 12:32 pm

Rahul Chauhan

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ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले में कस्टोडियन जमीन की सरकारी अफसरों की मिलीभगत से खरीद-फरोख्त के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इस बाबत एक पीड़ित कई वर्षों से दादरी तहसीलदार, यहां तक की डीएम दफ्तर में फ़रियाद कर रहा है, लेकिन उसकी आवाज नक्कारखाने में तूती ही साबित हुई। आरोप है कि अब हंगामे के बाद अफसर दस्तावेजों में जमीन के खरीदारों के नाम काटकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। दरअसल, वर्ष-1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय पाकिस्तान बसने वालों की जमीन को कस्टोडियन कहा जाता है। इसके अलावा इसे निष्क्रांत या शत्रु संपत्ति भी कहा जाता है। जिस पर सिर्फ भारत सरकार का कब्जा होता है।
गौतमबुद्ध नगर जिले में पुलिस और प्रशासन ने कस्टोडियन भूमि के बाबत भूमाफिया के खिलाफ अभियान चला रहा है। बावजूद इसके कुछ ऐसे भी माफिया अब भी ग्रामसभा ही नहीं, देश की धरोहर कस्टोडियन संपत्ति को भी बेचकर माला माल हो रहे हैं। दिलचस्प है कि एक ही जमीन की कई बार बिक्री होने के बावजूद अफसरों ने गौर नहीं किया। यह भी गौर करने वाली बात है कि कस्टोडियन की जमीन को बेचने वाले लोग हर बार नए लोग होते हैं। जबकि जमीन का असली मालिक 1947 में बँटवारे के समय पाकिस्तान जा चुका है। आरोप है कि इस पूरे खेल में राजस्व अधिकारियों की भी मिली भगत है। जारचा क्षेत्र में ऐसे ही तीन लोगों ने डीएम से शिकायत की है, जिन्होंने कस्टोडिसन जमीन बेचने का आरोप लगाया है।
दादरी तहसील क्षेत्र में कस्टोडियन संपत्ति बेचने की जानकारी होने के बाद दो लोगों ने डीएम सुहास एलवाई शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि नूरपुर गांव के खाता संख्या 129 के खसरा नंबर 472 की 6 बीघा जमीन को जाहिद हुसैन उर्फ बुद्घन बनकर एक फर्जी व्यक्ति ने बोडाकी गांव के रहने वाले यशपाल भाटी को बेच दी। इसके अलावा छोटे नाम के व्यक्ति को भी इसी कस्टोडियन की जमीन बेची गई है। तीसरे पीड़ित समीर पुत्र रफीक अहमद को भी कस्टोडियन की जमीन बेचकर रुपये हड़प लिए गए। इन्होंने जब अपने नाम की फर्द निकल वाई तो देखा कि उनका नाम खारिज करके कस्टोडियन लिखा गया है। इसके बाद लोगों ने शिकायत की है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जारचा क्षेत्र में एक भूमाफिया है, जो पांच साल पहले अपनी जमीन को भी बेच चुका है, लेकिन उसने कस्टोडियन की जमीन को बेचकर करोड़ों की संपत्ति बना ली है। यह भी आरोप लगाया गया है कि पुलिस-प्रशासन के अधिकारी उसके घर हाज़िर लगाते हैं। वह हर बार बाहर से लोगों को लाता है और उनके नाम की आईडी बनाकर जमीन को बेच देता है। आरोप है कि राजस्व अधिकारियों को जब जानकारी हुई कि कस्टोडियन जमीन पर विवाद होने लगा है तो उन्होंने दस्तावेज़ों में के्रताओं का नाम खारिज कर फिर से कस्टोडियन दर्ज कर दिया।
मामले में दादरी तहसीलदार राकेश जयंत का कहना है कि एक शिकायती पत्र मिला है। जिसमें सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप है। ये शिकायत पहले भी प्राप्त हो चुकी है। डीएम के आदेश पर जनपद में सरकारी जमीन मुक्त कराने का अभियान निरंतर चलाया जा रहा है। लेखपाल से इस जमीन के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसमें पता चला है कि यह जमीन भूमाफियाओं के कब्जे में है। इसे जल्द ही खाली कराया जाएगा।

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