दिसंबर माह में प्याज 120 से 150 रुपये तक बेचा गया है। सरकार के उपाय के बाद भी प्याज की कीमत कम नहीं हुई थी। जिला प्रशासन की तरफ से प्याज 38 रुपये किलो बेची जा रही है। इसके अलावा एक जनवरी को प्याज 80 से 90 रुपये तक बाजार में बेची जा रही है। तुर्की और अफगानिस्तान से आई प्याज (Onion) खुदरा बाजार में 55 से 60 रुपये बेची जा रही है।
150 रुपये किलो तक पहुंचा था भाव दिसंबर माह में प्याज ने लोगों के आंसू निकाल दिए थे। प्याज की कीमत 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। हालांकि, दिसबंर लास्ट में प्याज के दामों में राहत मिलनी शुरू हो गई थी। फिलहाल भारत में उगने वाली प्याज 80 रुपये किलो मिल रही है। प्याज की कीमतों में अफगानिस्तान और तुर्की से प्याज आने के बाद कमी देखने को मिली है। कारोबारियों की माने तो बेमौसम बरसात की वजह से प्याज का उत्पादन कम हुआ। सब्जी कारोबारी रविंद्र नागर ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में प्याज का उत्पादन करीब 30 प्रतिशत होता है। जबकि इस बार काफी कम हुई।
प्याज खरीददारों की आई कमी प्याज कारोबारी रविंद्र ने बताया कि दादरी नवीन सब्जी मंडी से दिल्ली, गाजियाबाद समेत कई शहरों के लिए सब्जी की सप्लाई की जाती है। उन्होंने बताया कि प्याज की बढ़ी कीमत को देखते हुए डिमांड कम हुई है। थोक व्यापारियों ने भी प्याज की खरीददारी कम की है। वहीं, खुदरा बाजार में भी प्याज की बिक्री में कमी आई है। कारोबारी रमेश सिंघल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में लोगों ने भी प्याज खरीदने से परहेज किया है। वहीं, ग्रहणी रजनी ने बताया कि इस बार सब्जी की बढ़ी कीमतों ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। उन्होंने बताया कि बढ़ी कीमतों की वजह से प्याज कम ही खरीद रहे हैं।