वारदात की सच्चाई सामने आने पर चौंक गये थे पुलिस अधिकारी
एसएसपी वैभव कृष्ण ने दोहरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि पहले तो पुलिस इसे पशु चोरी की वारदात को लेकर काम कर रही थी, लेकिन जब जांच में दूसरे तथ्य सामने आये जांच परिवार की तरफ ही घुम गई। इसकी वजह मुख्य आरोपी रोहित मृतक रतन सिंह के छोटे भाई इंद्रपाल का बेटा है। रोहित ने ही अपने दो साथी जय प्रकाश और विशाल के साथ मिल कर पशु चोरी की आड़ में इस हत्या कांड को अंजाम दिया था। गिरफ्तार विशाल श्मशान घाट पर रहकर क्रिया कर्म कराता है।जबकि जय प्रकाश किराये का ऑटो चलाता था। उसकी भी मौत इस वारदात में हो गई थी। वहीं मुख्य आरोपी रोहित भी ड्राइवर की नौकरी करता है।
ताऊ के बेटे यूपी पुलिस के दरोगा की हत्या की साजिश रचकर आया था रोहित
एसएसपी ने इस हत्याकांड के मोटिव का खुलासा करते हुए बताया की रोहित बिगड़ैल है। और वह अपने पिता के साथ मारपीट और बेइज्जती करता था। इससे परेशान होकर उसका पिता इंद्रपाल अपने बड़े भाई रतन सिंह के पास पहुंचा था। रतन सिंह के दो बेटे हैं। इनमें एक यूपी पुलिस में दरोगा है। भाई की सलाह पर इंद्रपाल ने अपने बेटे रोहित को संपत्ति से बेदखल कर दिया था। इस बात से नाराज रोहित ने भैंस चोरी की आड़ में यूपी पुलिस दरोगा में तैनात ताऊ के बेटे की हत्या की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपने साथ विशाल और जय प्रकाश को भी तैयार कर लिया। इसी दौरान रोहित को पता चला कि गांव में ताऊ का बेटा आया हुआ है। उसी की हत्या करने के लिए रोहित ने देर रात अपने दो साथियों के साथ गांव में घर जाकर धावा बोल दिया। संयोग से उस समय हलचल होने पर रतन सिंह जाग गए। उनके पीछे जय प्रकाश खड़ा था। इस दौरान रोहित ने अपने ताऊ रतन सिंह पर गोली चलाई, जो रतन सिंह के सीने से पार होती हुई पीछे खड़े जय प्रकाश को जा लगी। इससे दोनों की मौत हो गई। वहीं गोली चलने से हड़कंप मच गया। जिसके बाद रोहित अपने एक साथी विशाल के साथ मौके से फरार हो गया। पुलिस ने गाजियाबाद के लोनी निवासी विशाल पुत्र राजेंद्र वाल्मीकि और रोहित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।