इस समय नगर पालिका के बाहर कबाड़ से भरी हुई गाड़िया सड़क पर खड़ी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है। नगर पालिका के खिलाफ जमकर नारे लगा कर्मचारियों का कहना है की दो महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते रोजमर्रा की घर में इस्तेमाल होने वाले सामान को वह खरीद नहीं पा रहे हैं। साथ ही उनके बच्चों के एडमिशन के पैसे नहीं दिए जा रहे। जिसके चलते उनके बच्चों को स्कूल भेजना भी मुश्किल हो गया है। जिसके चलते कर्मचारियों ने
काम का बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठ गए है।
बता दें कि दादरी नगर की सफाई के लिए नगर पालिका ने कुछ महीने पहले 250 सफाई कर्मचारियों को सफाई के लिए रखा था। जिसको आर्यन ग्रुप का नाम दिया गया था ताकि यह कर्मचारी पूरी दादरी नगर को भारत के प्रधानमंत्री के स्वस्छ भारत मिशन को पूरा किया जा सके लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया कर्मचारियों की संख्या कम होती गई। 125 कर्मचारियों के दोबारा दादरी कस्बे की सफाई का कार्य करने लगे। लेकिन पिछले दो महीने से वेतन ने मिलने के चलते इन कर्मचारियों ने काम का बहिस्कार कर कूड़े से भरे वाहनों को नगर पालिका के सामने सड़क पर खड़ा कर दिया और धरने पर बैठ गए।
पत्रिका टीवी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश बुलेटिन देखने के लिए क्लिक करें नगर पालिका अध्यक्ष गीता पण्डित का कहना है कि सभासदों के द्वारा लगातार एक समिति बनाने को लेकर बोर्ड मीटिंग में हंगामा किया जाता रहा है। जिसके चलते दो से तीन बार बोर्ड मीटिंग में कोई सफाई कर्मचारियों के वेतन पर सहमति नहीं बन सकी। जिसके चलते कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है। इसकी जानकारी सीनियर अधिकारियों को दी जा चुकी है और जल्द ही सफाई कर्मचारियों को वेतन दिया जायेगा। वहीं सभासदो के दोबारा समिति बनाने की बात गैर जिम्मेदाराना है। जिसके चलते सभासद मीटिंग में हगामा करते है। जिससे दादरी नगर में विकास कार्य की गति भी कमजोर हो रही है।