खेड़ी निवासी दिवाकर शर्मा का कहना है कि इस तालाब में दिन प्रतिदिन किसी न किसी जानवर की गिरकर मौत हो जाती है। वहीं लंबी-लंबी घास होने के चलते भी जानवर इसमें फंस जाते हैं। जिन्हें ग्रामीणों द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जाता है। ग्रामीणों को अधिकारियों के चलते बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। इस तालाब के कारण गांव के नलों का पानी भी बहुत ज्यादा प्रदूषित हो गया है। इस तालाब के आसपास बदबू के चलते रुकना भी बेहद कठिन होता जा रहा है।
आरोप है कि उनके द्वारा कई बार जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से इस समस्या को लेकर शिकायत की जा चुकी है। लेकिन किसी ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। साथ ही अधिकारियों को मौखिक रूप से भी अवगत कराया गया है। परंतु कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है।