अमरीका का अनुसरण करते हुए गुआटेमाला और पराग्वे भी अपने दूतावासों को तेल अवीव से हटाकर जेरूसलम स्थानांतरित करने का फैसला किया है। इजराइल के प्रधानमंत्री का कहना है कि इन देशों के अलावा विश्व के कुछ अन्य देश भी अपने दूतावासों को जेरूसलम शिफ्ट कर देंगे। बताया जा रहा है कि इजराइल इस मामले में कई देशों के संपर्क में हैं। माना जा रहा है कि फिलिस्तीन के साथ जिन देशों के संबंध ठीक नहीं हैं वे अपने दूतावासों को शीघ्र ही जेरूसलम शिफ्ट कर देंगे। वैसे तो भारत के रिश्ते अमरीका और इजराइल बेहद गहरे हैं लेकिन भारत की फिलिस्तीन से भी दोस्ती है ऐसे में भारतीय दूतावास वहां पर शिफ्ट होगा इसकी उम्मीद बहुत की जा रही है।
जेरूसलम में अमरीकी दूतावास शिफ्ट होने से आतंकी संगठन अल कायदा बेहद खफा है। आतंकी मान-अल-जवाहिरी ने अमरीका के इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए मुसलमानों को हथियार उठाने को कहा है। जवाहिरी ने कहा है कि अमरीका नहीं चाहता कि फिलिस्तीन और इजराइल के बीच शांति स्थापित हो इसलिए सभी मुसलमानों को जिहाद करना चाहिए।