आरोपों को मिटाने में मिलेगी मदद
नेतन्याहू के सहयोगी दल एविग्डोर लिबरमैन ने सभी के लिए सेना में नौकरी को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया था। मंगलवार को हो रहे चुनाव नेतन्याहू का राजनीतिक भविष्य तय करेंगे। पूर्व इजरायली पीएम पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं, जिन्हें वो खारिज करते रहे हैं। अगर इस चुनाव में उन्होंने बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर ली तो उन्हें कानूनी पचड़ों से राहत मिलने की बड़ी उम्मीद खुल जाएगी।
इससे पहले ये रहा था नतीजा
अगर चुनावी सर्वे के रूझानों की बात करें तो इसमें नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को विपक्षी ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी कड़ी टक्कर देते नजर आ रही है। अप्रैल के चुनाव में 120 सदस्यीय संसद में ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी को 35 सीटें मिली थीं और उसने नेतन्याहू की पार्टी के साथ गठबंधन किया था।
ट्रंप और मोदी के साथ की तस्वीर वाले बैनर
गौरतलब है कि आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोटो का इस्तेमाल किया था। उन्होंने चुनावी विज्ञापन में यह बैनर इस्तेमाल कर दुनिया के नेताओं के साथ देश के संबंधों को मजबूती को दिखाने की कोशिश की थी।