30 दिनों की छूट
वीजा से **** पाने वाले देशों की दो सूची है। पहली में 33 देश हैं, जिनके नागरिकों को 180 दिनों के **** रहेगी और वे 90 दिन कतर में रह सकेंगे। दूसरी सूची में 47 देश (भारत, अमरीका, ब्रिटेन आदि) हैं। इनके नागरिकों को 30 दिन की **** दी गई है। वे लोग इतने ही दिन कतर में रह सकेंगे। बाद में इसे 30 दिन के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
वीजा से **** पाने वाले देशों की दो सूची है। पहली में 33 देश हैं, जिनके नागरिकों को 180 दिनों के **** रहेगी और वे 90 दिन कतर में रह सकेंगे। दूसरी सूची में 47 देश (भारत, अमरीका, ब्रिटेन आदि) हैं। इनके नागरिकों को 30 दिन की **** दी गई है। वे लोग इतने ही दिन कतर में रह सकेंगे। बाद में इसे 30 दिन के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
कतर ने व्यापार प्रतिबंधों को लेकर डब्ल्यूटीओ में शिकायत की
कतर सरकार ने सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब देशों द्वारा लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, कतर ने सोमवार को यह शिकायत दर्ज कराई। सऊदी अरब, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मिस्र ने कतर पर आतंकवाद का वित्तपोषण करने और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाते हुए उससे अपने संबंध समाप्त कर लिए थे। सऊदी अरब, यूएई, मिस्र और बहरीन ने पिछले महीने कतर को 13 मांगों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें अल-जजीरा टीवी स्टेशन बंद करने, आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने और ईरान के साथ संबंध धीरे-धीरे समाप्त करने जैसी मांगें शामिल थी। इन चारों देशों का कहना है कि यदि कतर ने उनकी मांगों को नहीं माना तो वे उस पर और राजनीतिक, आर्थिक एवं कानूनी प्रतिबंध लगा सकते हैं।
कतर सरकार ने सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब देशों द्वारा लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, कतर ने सोमवार को यह शिकायत दर्ज कराई। सऊदी अरब, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मिस्र ने कतर पर आतंकवाद का वित्तपोषण करने और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाते हुए उससे अपने संबंध समाप्त कर लिए थे। सऊदी अरब, यूएई, मिस्र और बहरीन ने पिछले महीने कतर को 13 मांगों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें अल-जजीरा टीवी स्टेशन बंद करने, आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने और ईरान के साथ संबंध धीरे-धीरे समाप्त करने जैसी मांगें शामिल थी। इन चारों देशों का कहना है कि यदि कतर ने उनकी मांगों को नहीं माना तो वे उस पर और राजनीतिक, आर्थिक एवं कानूनी प्रतिबंध लगा सकते हैं।