200 राजकुमारों को लिया था हिरासत में
वह उन 200 से अधिक राजकुमारों, मंत्रियों और व्यवसायियों में से एक हैं, जिन्हें 4 नवंबर को भ्रष्टाचार-रोधी अभियान के तहत हिरासत में लिया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, कम से कम तीन अन्य भी ‘समझौते’ पर सहमत हुए हैं। राजकुमार ने इस बारे में अब तक कोई भी टिप्पणी नहीं की है और यह स्पष्ट नहीं है कि अब वह स्वतंत्र रूप से कहीं आ जा सकते हैं या फिर वह किसी रूप में नजरबंद हैं। दिवंगत राजा अब्दुल्ला के 65 वर्षीय बेटे राजनीतिक रूप से सबसे प्रभावशाली शाही सदस्य थे जिन्हें हिरासत में लिया गया था। उनके 32 वर्षीय चचेरे भाई युवराज मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में एक नवगठित भ्रष्टाचार रोधी समिति के आदेश के तहत हिरासत में लिया गया था।
पांच सितारा होटल में थे नजरबंद
प्रिंस मितेब नेशनल गार्ड के मंत्री थे। यह 100,000 जवानों का कुलीन सुरक्षा बल है जो शाही नेताओं की रक्षा के लिए काम करता है। हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटों पहले ही उन्होंने पद से बरखास्त कर दिया गया था। खबर के मुताबिक, वह रियाद के पांच सितारा रिट्ज-कार्लटन होटल में अपने भाई प्रिंस तुर्की बिन अब्दुल्ला के साथ ठहरे हुए थे। तुर्की बिन अब्दुल्ला रियाद प्रांत के पूर्व गवर्नर रह चुके हैं। इसके अलावा अरबपति निवेशक प्रिंस अलवलीद बिन तलाल, एमबीसी टीवी नेटवर्क के मालिक अलवलीद अल-इब्राहिम, सऊदी अरब जनरल इनवेस्टमेंट अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख अम्र अल-दब्बाघ और रॉयल कोर्ट के पूर्व प्रमुख खालिद अल-तुवाइजरी भी हिरासत में हैं।