यह घटना क्यों है इतनी महत्वपूर्ण अहम बात यह है कि सऊदी अरब, इराक, यूएई, कुवैत, कतर और ईरान से भी ज्यादातर तेल का निर्यात हॉर्मूज जलडमरूमध्य से होता है। यह आंकड़ा कम से कम 15 मिलियन बैरल प्रतिदिन है। विश्व का लगभग तीस प्रतिशत समुद्र में पैदा होनेवाला तेल इसी रास्ते से होकर गुजरता है।
पाकिस्तान: बलूचिस्तान में मस्जिद के बाहर आतंकी हमला, चार पुलिसकर्मियों की मौत, 11 लोग घायल भारत पर भी पड़ेगा इसका असर इस जलमार्ग के रास्ते से लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) भी होकर गुजरता है और दुनिया का सबसे बड़ा एलएनजी निर्यातक कतर भी इसी मार्ग का प्रयोग करता है। कतर लंबे समय से भारत का सबसे बड़ा एलएनजी निर्यातक है। इस घटनाक्रम का असर भारत में भी दिखा और तेल की कीमतों में 1.78% तक की वृद्धि देखी गई है।
इस वक्त ही क्यों बनी हैं ऐसी परिस्थितियां सऊदी के तेल टैंकरों पर किसने हमला यह जांच में सामने आ पाएगा। मगर यह घटना काफी तनावपूर्ण है। इसके पीछे ईरान का हाथ बताया जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अमरीकी पाबंदियों से परेशान ईरान इस तरह के हमलों केा अंजाम दे रहा है। अमरीकी और ईरान के संबंध बीते एक साल में बेहद खराब बने हुए हैं। अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ओबामा प्रशासन में ईरान के साथ हुए न्यूक्लियर डील को खत्म कर दिया। ईरान पर कठोर प्रतिबंध फिर से लागू हो गए। इसके साथ भारत और चीन जैसे देशों को दी गई रियायत भी खत्म हो गई। इससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
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