अवैध संबंधों के चलते की थी हत्या
लोक अभियोजक देवेन्द्र कुमार पलिया ने बताया कि मृतिका दुर्गेश बाई जाटव निवासी बदरवास हाल निवासी सिसौदिया कॉलोनी गुना की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, इसकी जांच तत्कालीन एसडीओपी ने की। जांच रिपोर्ट के आधार पर मृतिका दुर्गेश के अवैध संबंध संजीव जाट निवासी बदरवास से हो गए थे। जिसके कारण मृतिका और करन में विवाद होता रहता था। जिसकी वजह से 1 जून 2०13 को मृतिका दुर्गेश व करन जाटव मय अपने दोनों बच्चों के किराए के मकान सिसौदिया कॉलोनी में रहने पहुंच गया। संजीव जाट द्वारा ही उसे किराए का मकान दिलवाया था।
बेटी के बयान बने आधार
विस्तृत विवरण के अनुसार 2 जून 2०13 को सायं पांच बजे पति करन सिंह और पत्नी दुर्गेश में विवाद हुआ जिस कारण करन ने दुर्गेश का गला दबाकर हत्या कर दी और मृतिका को जिला चिकित्सालय गुना में ले जाया गया। संपूर्ण जांच में आरोपी करन द्वारा मृतिका दुर्गेश की गला दबाकर हत्या कर प्रथम दृष्टया पाया जाने से कोतवाली पुलिस ने धारा 3०2 का प्रकरण पंजीबंद्ध किया था। मृतिका की लडक़ी के बयान के आधार पर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आरोपी संजीव जाट को भी बनाया था।
विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई
इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश प्रदीप मित्तल की अदालत में हुई, जहां साक्ष्य के आधार पर दुर्गेश की हत्या के लिए करन को दोषी माना। भारतीय दंड संहिता की धारा 3०2 के तहत करन सिंह हाल निवासी बदरवास को आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया और बदरवास निवासी संजीव जाट को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।