scriptकम्प्यूटर ऑपरेटर के चक्कर में 2 साल से अटका 280 कर्मचारियों का ऐरियर | arrier of 280 employees stuck in computer operator's affair for 2 year | Patrika News
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कम्प्यूटर ऑपरेटर के चक्कर में 2 साल से अटका 280 कर्मचारियों का ऐरियर

पत्रिका फोकस :कम्प्यूटर ऑपरेटर के चक्कर में २ साल से अटका 280 कर्मचारियों का ऐरियरकलेक्टर के दखल के बाद भी नहीं हो सकी ऑपरेटर की भर्तीजिला अस्पताल में 3 साल से खाली पड़े हैं 6 पद

गुनाSep 15, 2019 / 06:16 pm

Narendra Kushwah

कम्प्यूटर ऑपरेटर के चक्कर में २ साल से अटका 280 कर्मचारियों का ऐरियर

कम्प्यूटर ऑपरेटर के चक्कर में २ साल से अटका 280 कर्मचारियों का ऐरियर

गुना। आमतौर पर जिला अस्पताल इलाज में लापरवाही को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है लेकिन इस बार स्टाफ की समस्या को लेकर प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि जिला अस्पताल में सैकड़ों कर्मचारियों का समयमान वेतनमान निर्धारण न होने के कारण लाखोंं रुपए का एरियर अटका हुआ है। कर्मचारी अपनी इस समस्या से अस्पताल प्रबंधन को कई बार लिखित व मौखिक रूप से बता चुके हैं लेकिन समस्या निराकरण को लेकर प्रबंधन कतई गंभीर नहीं है। यही वजह है कि दो साल बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। एरियर का भुगतान न होने से कर्मचारी पूरे समय प्रबंधन को कोसते नजर आ रहे हैं।

 

जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में पदस्थ करीब 280 कर्मचारियों का समयमान वेतनमान निर्धारित किया जाकर उन्हें ऐरियर का भुुगतान किया जाना है। लेकिन उक्त कर्मचारियों का वेरिफिकेशन नहीं हो पा रहा है। क्योंकि शासन ने जो नया सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया है उस पर काम करने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर ही नहीं है। यही कारण है कि कर्मचारियों का एरियर बीते दो साल से अटका हुआ है।


6 माह पहले कलेक्टर ने दिए थे आदेश
कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार बीते 6 माह पहले जिला अस्पताल में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान सीएस के रूम में कर्मचारियों ने कलेक्टर को समयमान वेतनमान निर्धारण न होने की समस्या बताई थी। इस दौरान जब उन्होंने तत्कालीन सीएस डॉ एसपी जैन अकाउंट शाखा के कर्मचारियों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने लंबे समय से कम्प्यूटर ऑपरेटर की भर्ती न होना बताया था। जिसके जवाब में कलेक्टर ने आक्रोशित स्वर में कहा था कि कम्प्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था करना आपका काम है, मेरा नहीं। आप चाहे आउट सोर्सिंंग से ऑपरेटर रखिए लेकिन कर्मचारियों का यह काम होना चाहिए।
लेकिन तब से लेकर अब तक कम्प्यूटर ऑपरेटर नहीं रखे जा सके हैं। जिनके अभाव में कर्मचारियों का लाखोंं रुपए एरियर भी अटका हुआ है।

 

120 का शेष
वहीं इस मामले को लेकर अस्पताल की अकाउंट शाखा में पदस्थ कर्मचारी का कहना कि बीते करीब 3 साल से कम्प्यूटर ऑपरेटर के 6 पद रिक्त पड़े हैं। इन्हें भरने को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। शासन ने जो नया साफ्टवेयर उपलब्ध कराया है उसे हर कोई नहीं चला सकता है इसलिए विशेषज्ञ ऑपरेटर की ही जरुरत है। फिलहाल हमने 280 कर्मचारियों में से 150 का तो वेरिफिकेशन करवा लिया है 120 का शेष है। जो नया स्टाफ भर्ती हुआ है उसके वेरिफिकेशन की ज्यादा जरुरत नहीं है। केवल पुराने स्टाफ का वेरिफकेशन होना जरूरी है।


उपसंचालक के पत्र के बाद भी कार्रवाई नहीं
जिला अस्पताल के सैकड़ों कर्मचारियों का समयमान वेतनमान निर्धारित न होने की समस्या को लेकर डॉ शरद तिवारी उपसंचालक संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मप्र भी 31 अगस्त को एक पत्र के माध्यम से सिविल सर्जन व सीएमएचओ को निर्देशित कर चुके हैं कि प्राथमिकता के आधार पर अधीनस्थ समस्त तृतीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का समयमान वेतनमान स्वीकृत करने संबंधी बैठक आयोजित करने के लिए कई बार निर्देशित किया गया था। जिसमें कहा गया था कि आप इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अत: अब आपको 7 दिन में यह कार्यवाही पूर्ण कर संबंधित विभाग को अवगत कराना है। ऐसा न करने पर आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


इन कर्मचारियों का होना है वेतन निर्धारण
नर्सिंग सिस्टर, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन, रेडियोग्राफर, नेत्र सहायक, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता


कर्मचारियों का समयमान वेतनमान निर्धारण करने में दो समस्याएं आ रही हैं। एक तो कम्प्यूटर ऑपरेटर की भर्ती न होना है। जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। दूसरा कर्मचारियों की सर्विस बुक चैक करने ट्रेजरी ऑफिस भेजी जा रही हैं। यही दो वजह देरी का मुख्य कारण है।
डॉ एसके श्रीवास्तव, सीएस जिला अस्पताल गुना

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