गुना. छोटी छोटी घटनाओं पर पुलिस गंभीर नहीं होती है इसका खमियाजा पुलिस को बड़ी वारदात के रुप में चुकाना पड़ता है, कैंट क्षेत्र में लूसन के बगीचा के एटीएम को बदमाशों ने 22 अक्टूबर को तोडऩे का प्रयास किया था। इस दौरान बदमाशों ने केमरे से भी छेड़छाड़ की थी। घटना के बाद बैंक प्रबंधन ने कैंट थाने में इसकी शिकायत की थी,लेकिन गंभीर मामला नहीं होने के कारण इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके सात दिन बाद बदमाशों ने एसएएफ की बटालियन के पास स्थित एटीएम को तोड़कर 14 लाख 39 हजार रुपए की चोरी की घटना को अंजाम दिया।
दरअसल सुरक्षा को लेकर बैंक द्वारा जिन एजेंसियों को लगाया जाता है वह उतनी गंभीर नहीं रहती हैं। 22 अक्टूबर को लूसन के बागीचा में जो घटना हुई थी,उस दिन रात को गार्ड नहीं था। बताया जाता है गार्ड की उस दिन तबियत खराब हुई थी और वह चला गया था। इसका फायदा उठाकर बदमाशों ने एटीएम का कवर तोड़ दिया था। इसी बीच किसी के आने से बदमाशों को मौके से भागना पड़ा और घटना टल गई। बदमाश इस घटना में सफल नहीं हुए तो उन्होंने अगली वारदात परेड ग्राउंड पर लगे एटीएम में दी। जहां से लाखों की राशि लूट कर ले गए।
लूसन का बगीचा क्षेत्र के सूने घर में हजारों की चोरी
गुना. कैंट थाना क्षेत्र के लूसन के बगीचा में बदमाशों ने बीती रात एक सूने घर में ताला तोड़कर हजारों रुपए की चोरी कर ले गए। बदमाश ने मकान के दो पोर्सन के ताले तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया। बताया जाता है कि मकान मालिक दीपक रघुवंशी अपने घर पर दीवाली पूजन के लिए गए थे,इसी मकान में रहने वाले सोनू वीरेंद्र सिंह उर्फ सोनू रघुवंशी भी अपने घर थे। बदमाशों ने सूने घर को देखते अलमारी सहित चार ताले चटकाए। इसके बाद पूरे घर में जमकर उठा पटक की। इस दौरान वीरेंद्र रघुवंशी के घर से एक एलसीडी और दस हजार नकदी। जबकि दीपक रघुवंशी के घर से तीन हजार रुपए नकदी और लगभग दो तौला सोना और चादी की पायल चोरी कर ले गए। घटना की जानकारी सुबह लगी, इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचीं और जांच पड़ताल की। पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। मामले की विवेचना की जा रही है।
दोनों घटनाओं को जोड़कर हो रही है जांच
बताया जाता है कि पुलिस दोनों घटनाओं को जोड़कर ही मामले की जांच कर रही है। दो दिन में पुलिस ने दर्जनों लोगों से पूछताछ की है लेकिन कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस सूत्रों को कहना है कि इस मामले में अलग अलग एजेंसियां काम कर रहीं हैं। जल्द ही कोई सुराग हाथ लग सकता है।