3 बार आरओ सिस्टम की मोटर जल चुकी…
शासन ने मरीजों को शुद्ध व ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पताल में दो आरओ सिस्टम लगवाए हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन इन आरओ सिस्टम का संचालन ठीक ढंग से नहीं कर पाया। नतीजा यह हुआ कि आरओ सिस्टम बार-बार खराब होने लगे। पिछले डेढ़ माह में 3 बार आरओ सिस्टम की मोटर जल चुकी है। जिससे गर्मी में ठंडा और शुद्ध पानी पिलाने के लिए लगाए गए आरओ सिस्टम का लाभ मरीजों को नहीं मिल पाया।
तीन दिन से बंद है आरओ
जिला अस्पताल के आरओ पिछले करीब तीन दिनों से बंद पड़े हैं। मेटरनिटी वार्ड के पास लगाए गए आरओ सिस्टम में बिल्कुल भी पानी नहीं आ रहा है। यह पूरी तरह बंद है, जबकि दूसरा आरओ पानी तो उगल रहा है, लेकिन यह न तो ठंडा है और न ही शुद्ध होकर आ रहा है। गर्मी के कारण का पानी तप जाता है, जिसे पिया नहीं जा सकता।
मोटर सुधरवाने में हो रहा अतिरिक्त खर्च
जिला अस्पताल में लगे आरओ सिस्टम का संचालन में लापरवाही का खामियाजा केवल मरीज व उनके अटेंडर ही नहीं भुगत रहे हैं। सरकारी राशि की भी हानि हो रही है। मोटर जलने के बाद उसे दोबारा भरवाना पड़ता है। सही ढंग से संचालन न होने से जिला अस्पताल को अब तक तीन बार राशि खर्च करनी पड़ी है। मशीनें बंद हो गईं।
जिला अस्पताल में जिस समय आरओ प्लांट लगाए जाने का काम शुरू हुआ था। उसी समय पत्रिका ने अपनी खबर के माध्यम से जिला अस्पताल प्रबंधन को अलर्ट किया था कि शासन ने आरओ प्लांट के रूप में इतनी महंगी और अ’छी सुविधा दी है, जिसका ठीक से संचालन करना प्रबंधन के लिए चुनौती से कम नहीं होगा। यह आशंका एक माह के अंदर ही सही निकली और तीन बार आरओ प्लांट की मोटर बंद हो चुकी है।
सही संचालन न होने से खराब हो रही मोटर
जिला अस्पताल में आरओ सिस्टम लगाने में भी नियमों की अनदेखी की गई है। आरओ कवर्ड जगह पर लगाया जाता है, लेकिन यहां इसे खुले में लगा दिया गया है। जिससे धूल आदि इसमें जाने से मोटर जल जाती है। इसके अलावा आरओ का संचालन ट्रेन्ड कर्मचारी के द्वारा किया जाना चाहिए, लेकिन जिला अस्पताल में कोई भी इसे बंद-चालू कर रहा है। यही स्थिति रही तो आरओ अधिक दिन तक नहीं चल पाएंगे।
इनका कहना है-
मैं मेटरनिटी विंग में पिछले 8 दिन से भर्ती हूं। यहां लगा आरओ सिस्टम & दिन से बंद है। ठंंडा पानी तो छोडि़ए सादा पानी तक नहीं आ रहा है। कहा जा रहा है कि मोटर जल गई है, जो सही होने गई है।
बबीता बाई, मरीज मेटरनिटी विंग
हेमंत शिंदे, डायरेक्टर प्रथमेश कंपनी