जानकारी के अनुसार गुना में हुए काले हिरण शिकार मामले में वन विभाग को तीन काले हिरण के सिर और एक मादा काले हिरण का सिर मिला है, वहीं एक मादा काले हिरण का धड़ भी मिला है, लेकिन तीन काले हिरणों के धड़ नहीं मिले हैं, वहीं एक मोर भी मिला है, ऐसे में तीन काले हिरणों के शरीर ढूढंने के लिए नर्मदापुरम सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और सागर से स्निफर डॉग स्क्वॉड बुलाए गए हैं, बतया जा रहा है कि इन डॉग के नाम गैलीलियो और टीना है, जो जंगल में से तीनों काले हिरण के धड़ खोजने के लिए आरोन के जंगल में जुट गए हैं, वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अवशेषों को ढूंढने के लिए करीब 8 टीमें लगाई थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है, इस कारण अब डॉग स्क्वॉड टीमें लगाई हैं, जो सूंघ-सूंघ कर अवशेषों को ढूंढने में जुट गई हैं।
वनों में नहीं जंगल में होते हैं काले हिरण
चूंकि जंगलों में खाना और पानी आसानी से मिल जाता है, इस कारण काले हिरण वनों में नहीं बल्कि जंगलों में अधिक पाए जाते हैं, इसलिए वन विभाग के अफसरों का भी मानना है कि शिकारियों ने शायद भादौर या उसके आसपास के जंगलों में जाकर शिकार किया होगा, क्योंकि उसी क्षेत्र में ही हिरण अधिक होते हैं।
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3 पुलिस वालों और 3 शिकारियों की मौत
आपको एक बार फिर बतादें कि चंद दिनों पहले यानी 14 मई शनिवार करीब अलसुबह सहरोक और सगा बरखेड़ा के मध्य काले हिरण और मोर का शिकार कर ले जा रहे शिकारियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 3 पुलिसवालों की मौत और एक शिकारी की मौत हुई थी, इसके बाद पुलिस ने अब तक तीन शिकारियों को मार गिराया है, कुछ को गिरफ्तार भी किया है, वहीं इस मामले में लगातार कार्रवाई जारी है, चूंकि वन विभाग को काले हिरण के धड़ नहीं मिल पाए थे, जिन्हें ढूंढ निकालने के लिए 8 टीमें लगाई थी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगने पर अब डॉग स्क्वॉड की टीमें लगाई गई हैं।