दो वाटर कूलर, लेकिन टपकता पानी
जिला अस्पताल में हर दिन एक हजार से अधिक मरीज पहुंचे हैं। उनके साथ अटेंडरों की भी बड़ी तादात अस्पताल में पहुंच रही है, लेकिन यहां पर दो ही वाटर कूलर हैं। लेकिन ये वाटर कूलर देखने के ही हैं। उनमें पर्याप्त पानी नहीं है। इसके अलावा अब तक कूलरों को चालू भी नहीं किया है। मरीजों ने बताया, रात के समय में कई बार पानी खत्म हो जाता है। बस स्टैंड पर 20 रुपए लीटर पानी लाना पड़ता है। मरीजों की संख्या में इजाफा होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने यहां पर पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की है। इसके अलावा जिला प्रांगण में बनाया गया पानी का मटका लंबे समय से साफ नहीं हो पाया है, जिसका गंदा पानी पीने के लिए मरीज और उनके परिजन मजबूर हैं। शुद्ध पानी के लिए आसपास की दुकानों से पानी खरीदना होता है।
जज्जी बस स्टैंड पर पानी का इंतजाम नहीं हैं। यहां वर्षों पहले एक मटका बनवाया गया था, उसकी भी एक टोंटी टूटी पड़ी है। इसके अलावा इसकी वर्षों से सफाई भी नहीं हो सकी। इस बस स्टैंड पर दिन के समय ग्वालियर, इंदौर, अशोकनगर समेत शिवपुरी, राघौगढ़, कुंभराज और फतेहगढ़ क्षेत्र के यात्री पहुंचते हैं, लेकिन यहां पर पानी के लिए नपा द्वारा कोई इंतजाम नहीं कराया गया है। इस वजह से इन दिनों यात्रियों को काफी दिक् कत हो रही है।
आरोन बस स्टैंड: बीजी रोड पर आरओबी के नीचे संचालित बस स्टैंड पर भी पानी नहीं है। यात्रियों को दुकानों पर जाकर पानी पीना पड़ता है। यात्रियों को पानी नहीं मिलता तो निराशा हाथ लगती है।
ऊमरी बस स्टैंड: संजय स्टेडियम के पास ऊमरी बस स्टैंड है। यहां सुबह 6 बजे से यात्री वाहन खड़े हो जाते हैं, लेकिन यहां पर भी पानी की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से काफी दिक्कत हो रही है।
सिटी बस स्टैंड: जज्जी बस स्टैंड पर जहां सिटी बस स्टैंड बनाया है, वहां भी पानी का इंतजाम नहीं है। यहां पानी के लिए प्याऊ रखी थी, लेकिन उसमें पानी नहीं है। यात्रियों को परेशानी हो रही है।
तहसील में नहीं पानी की व्यवस्था
तहसील में हर दिन सैकड़ों किसान और हितग्राही पहुंचते हैं। पास में ही जनपद का भी आफिस हैं। इसके अलावा बाहर याना, ऊमरी और शिवपुरी के लिए वाहनों को अघोषित स्टैंड भी है। लेकिन यहां भी पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां पर रोटरी की एक प्याऊ हैं, लेकिन उसमें पानी नहीं भरा जाता। टोंटी सूखी पड़ी हैं। किसानों को भूखे-प्यासे रहना पड़ता है।