scriptReality: दूसरों को सीख देने वाले विभाग के भवन में ही नहीं है रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम | Forgot to obey the municipality order | Patrika News
गुना

Reality: दूसरों को सीख देने वाले विभाग के भवन में ही नहीं है रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

भवन स्वामियों से डिपॉजिट जमा करवाकर आदेश का पालन कराना भूली नपा

गुनाMar 04, 2020 / 11:29 pm

Manoj vishwakarma

Reality: दूसरों को सीख देने वाले विभाग के भवन में ही नहीं है रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

Reality: दूसरों को सीख देने वाले विभाग के भवन में ही नहीं है रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

गुना. रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता के मामले में नगर पालिका कार्यालय पर ”दिया तले अंधेराÓÓ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। क्योंकि जिस विभाग पर सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी है, उसी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति उदासीन बने हुए हैं।
नवीन भवन निर्माण के लिए शासन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के मुताबिक नगर पालिका किसी भी भवन स्वामी को मकान बनाने की अनुमति तभी जारी करेगा, जब उक्त भवन स्वामी अपने मकान में रूफ वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम लगवाएगा। जबकि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, भूजल स्तर गिरने की चिंता सबको सताने लगी है। बारिश का पानी सहेजा नहीं जा रहा है। इसको देखकर हर कोई कहने लगा है कि कहीं शहर में मई-जून के महीने में पेयजल संकट ज्यादा न गहरा जाए।
यह है नियम

वर्ष २००९ के बाद प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में मकान निर्माण स्वीकृति के लिए १४० वर्गमीटर से बड़ी साइज के प्लॉट पर मकान बनाने पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। शासन के नियमानुसार नगर पालिका मकान बनाने की परमिशन तब ही देती है जब वह हार्वेस्टिंग के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करा लेती है तथा हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की पुष्टि होने पर ही यह राशि वापस की जाती है। शासन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के तहत यदि भवन का क्षेत्रफल १४० वर्गमीटर से २०० वर्ग मीटर हो तो ७ हजार रुपए, २०० से ३०० वर्गमीटर तक १२ हजार रुपए, ४०० वर्गमीटर से अधिक होने पर १५ हजार रुपए बतौर डिपॉजिट भवन स्वामी को नगर पालिका में जमा करना होगा। ऐसा न करने पर डिपॉजिट राशि जब्त कर ली जाएगी। यही नहीं इस राशि से स्वयं नगर पालिका रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराएगी। इस शर्त की जमीनी हकीकत जानने पत्रिका ने नगर पालिका सहित अन्य शासकीय विभागों के कार्यालयों पर जाकर पड़ताल की तो परिणाम निराशाजनक सामने आए। विभाग इस महत्वपूर्ण विषय पर बिल्कुल गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
न तो आमजन अलर्ट और न ही जिम्मेदार

रूफ वाटर हार्वेस्टिंग ही एक ऐसा उपाय है, जो बारिश के पानी को जमीन में उतार सकता है लेकिन इसके प्रति न तो आमजन अलर्ट है और न ही जिम्मेदार। इस कारण अंगुलियों पर गिने जाने वाले सिस्टम ही शहर में लगे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक एक हजार स्क्वायर फीट की छत पर यदि सिस्टम लगा है और सामान्य बारिश होती है तो भी ७० से ८० हजार लीटर पानी जमीन में उतारा जा सकता है लेकिन वर्तमान में कम ही लोग इसके प्रति जागरूक हैं। इस संबंध में जब कई संंबंधित अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि अपने कार्यालय भवन में जल्द वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएंगे।
इन विभागों में नहीं मिली रूफ वाटर हार्वेस्टिंग

तहसील कार्यालय, जिला अस्पताल भवन, लोक सेवा केंद्र, एसडीएम कार्यालय, जनपद पंचायत कार्यालय, उद्योग विभाग कार्यालय, पीजी कॉलेज, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ऑफिस, पीब्डल्यूडी कार्यालय, वाणिज्य कर विभाग कार्यालय, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग कार्यालय, मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई कार्यालय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग आदि।

Home / Guna / Reality: दूसरों को सीख देने वाले विभाग के भवन में ही नहीं है रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो