प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोन थानान्तर्गत खेरखेड़ी गांव के पास बने तालाब में इसी गांव के प्रजापति समाज के तीन बच्चे मोनिका प्रजापति पुत्री रामचरण प्रजापति 8 वर्ष, करन उर्फ छोटू प्रजापति पुत्र रामचरण छह वर्ष, अंकित पुत्र मनोज प्रजापति दस साल नहाने गए थे। उसी दौरान मोनिका की आवाज सुनकर तालाब के पास रहने वाली 2० वर्षीय सीमा पत्नी मिथुन प्रजापति भाग कर आई और तालाब में छलांग लगा दी। लेकिन वह न तो इन बच्चों को बचा पाई और न खुद बच पाई। बताया गया कि इसकी जानकारी मिलने पर खेरखेड़ी गांव के लोग एकत्रित हो गए, और ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, पुलिस के पहुंचने के बाद ग्रामीणों की मदद से उन चारों के शव तालाब से निकाले, और उन शवों को आरोन अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।
एसपी पहुंचे स्थल पर जिले के पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा घटना की जानकारी मिलने के तत्काल बाद आरोन के लिए रवाना हो गए और वे घटना स्थल पर पहुंचे और वस्तु स्थिति की जानकारी ली। घटना की जानकारी जयवर्धन ने ली: इस घटना की जानकारी क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के नगरीय विकास एवं प्रशासन मंत्री जयवर्धन ने इस घटना पर दुख जताया और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से ली और हर संभव मदद करने के आदेश दिए। श्रमिक होंगे तो हर संभव मदद: प्रदेश के श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने आरोन में तालाब में डूबने से हुई तीन बच्चों समेत चार लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मृतक यदि श्रमिक के परिवार से हैं तो उनको प्रशासन हर संभव मदद करेगा जो भी तत्काल सहायता होगी वह उपलब्ध कराई जाएगी।
बमोरी में जा चुकी 7 बच्चों की जान इस साल बमोरी क्षेत्र में ही सात बच्चों की तालाबों में डूबने से जान जा चुकी है। बारिश बाद यहां एकाएक घटनाएं सामने आए हैं। एक साल पहले मोहरी तालाब में भी दो बच्चियों की मौत सामने आई थी। मूर्ति विसर्जन की सामग्री लेने तालाब में चली गई थी बच्चियां, इसी दौरान उनकी मौत हो गई थी।