script‘रिश्वत मांगने का आरोप साबित हुआ तो जा सकती है नौकरी’ | 'If the allegation of bribery is proved, then job can go' | Patrika News
गुना

‘रिश्वत मांगने का आरोप साबित हुआ तो जा सकती है नौकरी’

एंटीकरप्शन टीम मेटरनिटी विंग में मरीजों से पूछेगी, किसी ने आपसे रिश्वत मांगी क्या ? प्रसूता की मौत के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन ने उठाया अहम कदम

गुनाMar 17, 2019 / 11:55 am

Narendra Kushwah

news

‘रिश्वत मांगने का आरोप साबित हुआ तो जा सकती है नौकरी’

गुना. जिला अस्पताल की मेटरनिटी विंग में अब कोई भी स्टाफ मरीज से डिलेवरी के बदले रिश्वत नहीं मांग सकेगा। फिर भी ऐसा किया तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि अस्पताल प्रबंधन ने शुक्रवार को एक प्रसूता व उसके बच्चे की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए एक अहम कदम उठाया है। जिसके तहत एंटी करप्शन टीम बनाने का निर्णय लिया गया है, जो समय समय पर मेटरनिटी विंग का आकस्मिक निरीक्षण करेगी। साथ ही वार्ड में भर्ती प्रसूताओं व उनके अटैंडरों से बातकर यह जानेगी कि स्टाफ ने डिलेवरी या अन्य किसी सुविधा के बदले रिश्वत मांगी है क्या ?

अब एंटी करप्शन टीम रखेगी निगरानी
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा एसपी जैन ने पत्रिका को बताया कि शुक्रवार को मेटरनिटी विंग में हुई घटना से अस्पताल की छवि बहुत खराब हुई है। परिजनों ने संबंधित स्टाफ पर जो आरोप लगाए हैं वह यदि सही साबित हुए तो संबंधित की नौकरी भी जा सकती है। मामले की जांच के लिए इन्क्वायरी टीम बना दी गई है, जिसने संबंधित के बयान भी ले लिए हैं। जल्द ही यह टीम पूरी जांच कर रिपोर्ट देगी और उसके बाद ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

news 1

वहीं मेटरनिटी विंग में रिश्वत मांगने जैसी घटनाएं न हों इसके लिए हमने एंटी करप्शन टीम बनाने का निर्णय लिया है। इस टीम में जिला अस्पताल के आरएमओ, उपप्रबंधक, मेटरनिटी विंग इंचार्ज के अलावा अस्पताल के ही दो डाक्टर रहेंगे। यह टीम समय समय पर मेटरनिटी में पहुंचकर मरीजों से पूछेगी कि डिलेवरी या अन्य सुविधा के बदले किसी ने आपसे रिश्वत मांगी है क्या ? साथ ही मरीजों व अटैंडरों से कहा जाएगा कि यदि उनसे कोई पैसे मांगता है तो वे सीधे सिविल सर्जन के कक्ष में आकर बिना डरे शिकायत कर सकते हैं। संबंधित के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

यह था मामला
ग्राम भमावत निवासी नारायणी (32)पत्नी राजकुमार कुशवाह को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सबसे पहले कुंभराज हॉस्पिटल ले गए। लेकिन वहां के स्टाफ ने डॉक्टर न होने की बात कहकर गुना अस्पताल रैफर कर दिया था। परिजनों का आरोप है कि जब नारायणी को जिला अस्पताल लाया गया तो यहां के स्टाफ ने डिलेवरी कराने के लिए 3 हजार रुपए की मांग की। मजबूरी में परिजनों ने ढाई हजार तो दे दिए लेकिन 500 रुपए कम पड़ गए। जिसके चलते प्रसूता की डिलेवरी नहीं कराई और दर्द से तड़पते हुए न सिर्फ प्रसूता की मौत हुई बल्कि उसके पेट में मौजूद बच्चे की भी जान चली गई।

घटना के बाद परिजनों ने लाश रखकर आक्रोश जाहिर किया। बाद में किसी तरह परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हुए। तब जाकर पता चला कि नारायणी की कोख में मौजूद बच्चा लड़का था, जिसके इंतजार में उनका पूरा परिवार था। क्योंकि इससे पहले नारायणी ने तीन लड़कियों को जन्म दिया था। तब से ही परिवार लड़के की आस लगाए हुए थे और नसबंदी तक नहीं कराई थी।

पत्रिका ने पहले ही कर दिया था खुलासा
यहां बताना होगा कि पत्रिका ने 11 मार्च के अंक में मेटरनिटी विंग में ऑपरेशन का खौफ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर यह खुलासा कर दिया था कि मेटरनिटी विंग स्टाफ भर्ती मरीजों व अटैंडरों से डिलेवरी कराने के बदले में रिश्वत मांग रहा है। न देने पर सीजर से डिलेवरी होने की बात कहकर डरा रहा है।

इनका कहना है
प्रसूता की मौत के मामले की जांच इन्क्वारी टीम कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हम कह पाएंगे कि परिजनों के आरोप सही हैं या नहीं। प्रसूता की मौत का कारण लापरवाही तो है ही।
डा एसपी जैन, सिविल सर्जन जिला अस्पताल गुना

Home / Guna / ‘रिश्वत मांगने का आरोप साबित हुआ तो जा सकती है नौकरी’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो