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स्वस्थ रहना है तो हरी सब्जी खाएं, लेकिन खरीदें कैसे?

सब्जी विक्रेता बोले, ज्यादातर सब्जी आ रही बाहर से इसलिए विभिन्न टैक्सों से बढ़ाई कीमत कम बारिश ने उत्पादन को किया प्रभावित

गुनाSep 25, 2020 / 09:47 am

Hitendra Sharma

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गुना. आम आदमी को महंगाई की मार से राहत नहीं मिल रही है। पूरे साल भर में मौसम कोई भी हो, हर बार किसी न किसी कारण से सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं। जिसका सबसे ज्यादा असर आम आदमी के साथ-साथ मध्यम वर्गीय परिवार पर पड़ता है। वर्तमान समय में एक बार फिर से सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। इस मामले में सबसे पहले नंबर पर हरा धनिया है, जिसका भाव 350 रुपए किलो हो गया है। स्थिति यह है कि शहर की प्रमुख दो सब्जी मंडी शास्त्री पार्क व पुरानी गल्ला मंडी में भी चुनिंदा सब्जी विक्रेताओं के पास ही हरा धनिया मिल पाता है। यही नहीं शाम होते-होते हरा धनिया इक्का-दुक्का सब्जी विक्रेता के पास मिल पाता है। उसके पास भी इसकी मात्रा बहुत कम बचती है। इसी तरह प्रतिदिन दैनिक उपयोग में आने वाले अदरक के दाम भी 50 से 60 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। ऐसे में अधिकांश लोग बिना अदरक की चाय पीने को मजबूर हैंं।
सामान्यत: सबसे ज्यादा खाई जाने वाली हरी सब्जियों में आलू व टमाटर हैं। इनमें जहां आलू का भाव 40 से 50 रुपए किलो जबकि टमाटर 50 से 60 रुपए किलो तक बिक रहा है। बाकी अन्य हरी सब्जियों के दाम भी 30 रुपए किलो से ऊपर ही हैं। सभी पर महंंगाई की मार बनी हुई है।
मंडी में सब्जियों के भाव
हरा धनिया 350 रुपए
आलू 40 से 50 रुपए
टमाटर 50 से 60 रुपए
लौकी 30 से 40 रुपए
करेला 30 से 40 रुपए
तौरिया 30 से 40 रुपए
बैगन 30 से 40 रुपए
भिंडी 15 से 20 रुपए
कद्दू 15 से 20 रुपए
हरी मिर्च 60 से 70 रुपए
अदरक 50 से 60 रुपए
गोभी 50 से 60 रुपए
नोट: सब्जियों के दाम प्रति किलो में हैं।
स्वस्थ रहना है तो हरी सब्जी खाएं, लेकिन खरीदें कैसे?
जब भी कोई बीमार व्यक्ति डॉक्टर के पास पहुंचता है तब डॉक्टर दवा देने के साथ हरी सब्जी व फल खाने की सलाह देते हैं। लेकिन महंगाई की मार बीमार व्यक्ति को यह खाने से भी रोक रही है। क्योंकि इन दिनों हरी सब्जियों से लेकर फल भी देश के अलग-अलग राज्यों से आ रहे हैं। यह फल व सब्जी यहां तक पहुंचते पहुंचते इतने ज्यादा महंगे हो जाते हैं कि एक आम आदमी इन्हें खरीदने में सक्षम नहीं हो पाता।
इसलिए बढ़े दाम
हरी सब्जियों के दाम बढऩे का कारण जब सब्जी विक्रेताओं से पूछा गया तो उनका कहना था कि इस समय जो सब्जियां बाजार में आ रही हैं वह सभी बाहर से आ रही हैं। इसलिए वहां से यहां तक आते-आते कई तरह के भाड़े व टैक्स जुड़ जाते हैं, जिससे सब्जियों के दाम बढ़े हैं। इस बार बारिश असामान्य हुई है। पहले बारिश ने काफी इंतजार कराया। फिर जब बारिश हुई तो एक दम से लगातार बारिश होती रही, जिससे हरी सब्जी गल गई। फिर अचानक से बारिश पूरी तरह से रुक गई। इससे सब्जियों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ा है। सभी कारणों के चलते स्थानीय सब्जियों की आवक कम हो गई।
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