script1 करोड से बने जिस बस स्टैंड का लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिं धिया ने किया वहां 2 दिन बाद पीने का पानी तक नहीं | Jyotiraditya Scindia inaugurated the bus stand made of 1 crore, there | Patrika News
गुना

1 करोड से बने जिस बस स्टैंड का लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिं धिया ने किया वहां 2 दिन बाद पीने का पानी तक नहीं

पत्रिका पड़ताल :
यात्री वेटिंग हॉल को चील्ड करने लगा दिए लाखों के कूलर, इनमें भरने पानी कहां से आएगा स्थाई व्यवस्था नहीं
टिकट खिड़की भी नहीं हो सकी चालू, तपते टीनशेड के नीचे गर्म हवा फेंक रहे पंखे
सूत्र सेवा का आफिस भी नहीं हो सका चालू

गुनाMay 22, 2022 / 12:52 am

Narendra Kushwah

1 करोड से बने जिस बस स्टैंड का लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिं​धिया ने किया वहां 2 दिन बाद पीने का पानी तक नहीं

1 करोड से बने जिस बस स्टैंड का लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिं​धिया ने किया वहां 2 दिन बाद पीने का पानी तक नहीं

गुना. केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य ने 19 मई की रात एक करोड़ 8 लाख की लागत से नवनिर्मित जज्जी बस स्टैंड का लोकार्पण किया था। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब यात्रियों व बस ऑपरेटरों को सुविधाओं में इजाफा होगा लेकिन लोकार्पण के दो दिन बाद भी हालातों में ज्यादा बदलाव नहीं आया। न तो यात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था दिखी और न कूलर में भरने पानी का इंतजाम। वेटिंग रूम में बैठे यात्री तपते टीनशेड के नीचे गर्म हवा लेने को मजबूर दिखे। क्योंकि वह चाहकर भी बाहर नहीं बैठ सकते थे। सबसे बड़ी बात तो यह है कि बस स्टैंड का लोकार्पण हो गया लेकिन अब तक टिकट खिड़की चालू नहीं हो सकी है। कैंटीन कब तक शुरू हो पाएगी इस बारे में अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पा रहे। वे सिर्फ इतना कह रहे हैं कि ऑनलाइन टैैंडर होगा। कुल मिलाकर बस स्टैंड के उन्नयन पर इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद यात्रियों के लिए सबसे जरूरी सुविधाओं का अभी अभाव बना हुआ है। अधिकारियों की कार्यप्रणाली को देखकर ऐसा लग रहा है, कि यहां जो सुविधाओं में इजाफा हुआ है, उनकी सेवाएं कितने दिनों तक यात्रियों को मिल पाएंगी, इसमें संदेह है।

लोकार्पण के बाद जज्जी बस स्टैंड पर क्या कुछ बदला
गुना के जज्जी बस स्टैंड को सरकार मॉडल बस स्टैंड बनाना चाहती है। इसके लिए सरकार ने इसके उन्नयन पर 2018 के बाद तीसरी बार करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया है। इस रािश से यहां काफी कुछ नया हुआ है।
बस स्टेंड परिसर में जहां-जहां सीसी सड़क में गड्ढे हो गए थे, वहां डामर सड़क डाल दी गई है।
पहले की अपेक्षा सफाई व्यवस्था में सुधार आया है।
एक नहीं बल्कि 6 गार्ड तैनात किए गए हैं। जो बस स्टैंड के तीनों प्रमुख गेट पर एवं वेटिंग रूम में तैनात किए गए हैं।
बसें अब एक लाइन में व्यवस्थित रूप से $खड़ी होने लगी हैं।
ऑटो का प्रवेश स्टैंड के अंदर बंद कर दिया गया है। लेकिन सड़क किनारे खड़े होने से मार्ग बाधित हो रहा है।
लोकार्पण से पहले परिसर क्षेत्र से जो अतिक्रमण था उसे हटवा दिया गया है।
हाथ ठेले व गुमठी पर खाद्य पदार्थ बेचने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। लेकिन अभी तक कैंटीन चालू न होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
फल ठेले सड़क पर लगने लगे हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है।
वेटिंग एरिया में एक हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है। जहां टॉयलेट से लेकर चेंजिंग रूम भी है। यात्री अपना सामान अलग से सुरक्षित भी रख सकते हैं।
पानी की समस्या को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं
2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर से जज्जी बस स्टैंड का ई-लोकार्पण किया था। उस दौरान भी यहां पेयजल समस्या थी और आज जब 19 मई को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकार्पण किया तब भी पानी की समस्या बरकरार है। गौर करने वाली बात है नगर पालिका पूरे शहर को जल उपलब्ध कराने वाली संस्था है लेकिन बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थल जिसका निर्माण खुद नपा ने ही करोड़ों रुपए खर्च कर कराया है। वहां अभी तक पेयजल का स्थाई स्त्रोत नहीं है। टैंकर के भरोसे ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है। हाल ही में रहवासी क्षेत्र से जो नल कनेक्शन किया गया है, उससे इतना पानी भी नहीं मिल पा रहा कि पानी की टंकी भर सके।

बिन पानी कैसे चलेंगे लाखों रुपए के कूलर
बस स्टैंड के उन्नयन कार्य मेें सबसे अधिक बजट यात्रियों के लिए बनाए गए वेटिंग एरिया को सर्वसुविधायुक्त बनाने पर खर्च किया गया है। यहां यात्रियों को बैठने के लिए काफी चौड़ी चेयर लगाई गई हैं। यहां करीब 50 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं। ठंडी हवा के लिए दो बड़े कूलर हॉल के बाहर रखे गए हैंं। इनकी हवा के लिए आधुनिक तरीके से सेंट्रालाइज सिस्टम तैयार किया गया है। दोनों कूलर को अलग-अलग छोर पर रखा गया है। पानी भरने के लिए छत पर एक टंकी रखी गई है, जिसे पाइन लाइन के जरिए कूलर को जोड़ा गया है ताकि टंकी के जरिए कूलर को आसानी से भरा जा सके। लेकिन इतनी कवायद करने के बावजूद असली परेशानी पानी की ही है। क्योंकि बस स्टैंड परिसर में पेयजल का कोई स्थाई स्त्रोत नहीं है। यहां पानी की सप्लाई पूरी तरह से टैंकर पर ही निर्भर है। यह टैंकर नियमित रूप से उपलब्ध नहीं हो पाता। इस वजह से यहां पानी का संकट गंभीर बना हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए लाखों रुपए के इन कूलर का फायदा यात्रियों को कितना मिल पाएगा, इस पर अभी से ही सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं वेटिंग एरिया की छत टीनशेड की है इसलिए भीषण गर्मी में पंखों का कोई औचित्य नहीं रह गया है।
1 करोड से बने जिस बस स्टैंड का लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिं​धिया ने किया वहां 2 दिन बाद पीने का पानी तक नहीं
1 करोड से बने जिस बस स्टैंड का लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिं​धिया ने किया वहां 2 दिन बाद पीने का पानी तक नहीं
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1 करोड से बने जिस बस स्टैंड का लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिं​धिया ने किया वहां 2 दिन बाद पीने का पानी तक नहीं
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