2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर से जज्जी बस स्टैंड का ई-लोकार्पण किया था। उस दौरान भी यहां पेयजल समस्या थी और आज जब 19 मई को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकार्पण किया तब भी पानी की समस्या बरकरार है। गौर करने वाली बात है नगर पालिका पूरे शहर को जल उपलब्ध कराने वाली संस्था है लेकिन बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थल जिसका निर्माण खुद नपा ने ही करोड़ों रुपए खर्च कर कराया है। वहां अभी तक पेयजल का स्थाई स्त्रोत नहीं है। टैंकर के भरोसे ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है। हाल ही में रहवासी क्षेत्र से जो नल कनेक्शन किया गया है, उससे इतना पानी भी नहीं मिल पा रहा कि पानी की टंकी भर सके।
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बिन पानी कैसे चलेंगे लाखों रुपए के कूलर
बस स्टैंड के उन्नयन कार्य मेें सबसे अधिक बजट यात्रियों के लिए बनाए गए वेटिंग एरिया को सर्वसुविधायुक्त बनाने पर खर्च किया गया है। यहां यात्रियों को बैठने के लिए काफी चौड़ी चेयर लगाई गई हैं। यहां करीब 50 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं। ठंडी हवा के लिए दो बड़े कूलर हॉल के बाहर रखे गए हैंं। इनकी हवा के लिए आधुनिक तरीके से सेंट्रालाइज सिस्टम तैयार किया गया है। दोनों कूलर को अलग-अलग छोर पर रखा गया है। पानी भरने के लिए छत पर एक टंकी रखी गई है, जिसे पाइन लाइन के जरिए कूलर को जोड़ा गया है ताकि टंकी के जरिए कूलर को आसानी से भरा जा सके। लेकिन इतनी कवायद करने के बावजूद असली परेशानी पानी की ही है। क्योंकि बस स्टैंड परिसर में पेयजल का कोई स्थाई स्त्रोत नहीं है। यहां पानी की सप्लाई पूरी तरह से टैंकर पर ही निर्भर है। यह टैंकर नियमित रूप से उपलब्ध नहीं हो पाता। इस वजह से यहां पानी का संकट गंभीर बना हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए लाखों रुपए के इन कूलर का फायदा यात्रियों को कितना मिल पाएगा, इस पर अभी से ही सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं वेटिंग एरिया की छत टीनशेड की है इसलिए भीषण गर्मी में पंखों का कोई औचित्य नहीं रह गया है।
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