scriptरेलवे को चमकाने के लिए खर्च कर दिए तीन करोड़, आवासों के लिए ईंट तक नहीं | Latest news in guna | Patrika News
गुना

रेलवे को चमकाने के लिए खर्च कर दिए तीन करोड़, आवासों के लिए ईंट तक नहीं

रेलवे के आवासों का मामला: शिकायतों के बाद भी नहीं हो रहे काम

गुनाAug 23, 2019 / 11:23 pm

Manoj vishwakarma

रेलवे को चमकाने के लिए खर्च कर दिए तीन करोड़, आवासों के लिए ईंट तक नहीं

रेलवे को चमकाने के लिए खर्च कर दिए तीन करोड़, आवासों के लिए ईंट तक नहीं

गुना. रेलवे के ३०० से अधिक आवासों का दो साल से मेंटेनेंस नहीं हुआ है। इस वजह से बारिश में हर क्वार्टर की छत से पानी टपक रहा है। पुराने आवासों की स्थिति इतनी ज्यादा खराब है कि कर्मचारियों और उनके परिवार को रात काटना मुश्किल हो गया। कुछ आवासों में सांप और बिच्छू छत से टपक रहे हैं।
कर्मचारियों ने अपने अफसरों से शिकायत कीं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया। दरअसल, रेलवे के जर्जर आवास कर्मचारियों के परिवारों के लिए खतरा बन गए हैं। जिन कर्मचारियों के जि मे यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों की कमान है, उनके ही परिवारों का प्रबंधन ध्यान नहीं रख रहा है। उधर, ढ़ाई साल पहले ही बनकर तैयार हुए टीआरडी के आवास जर्जर हो गए और उनका पलस्तर गिर गया। आवास घटिया निर्माण की दास्तां खुद बयां कर रहे हैं। कर्मचारियों ने रेलवे जीएम से भी शिकायत की, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं कराया। मजेदार बात तो ये है कि जीएम के निरीक्षण के लिए रेलवे स्टेशन की सुन्दरता पर तीन करोड़ रुपए खर्च कर दिए, लेकिन पानी रिसते आवासों को सही करने के लिए ईंटें तक रेलवे के पास नहीं हैं। एक साल में पानी का कनेक्शन भी नहीं हो पाया: महूगढ़ा में उधम सिंह के रेल आवास में पानी का कनेक्शन होना है, लेकिन एक साल से पेंडिग़ हैं।
पगारा के रेल आवासों को अनुपयुक्त कराने की मांग एक साल से की जा रही है, लेकिन इस पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया। टीआरडी आवासों की शिकायत महाप्रबंधक से करने के बाद भी काम नहीं हुआ। यूके सक्सेना के आवास में फर्श और सीलिंग न होने से सांप बिच्छु बिस्तर पर गिर जाते हैंं। इससे बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है।
कर्मचारी को मिला जबाव, हमारे पास नहीं ईंट

उधर, जीएम के निरीक्षण के लिए रेलवे ने स्टेशन पर करीब ३ करोड़ रुपए खर्च किए। दीवारों पर पेंटिंग, रंगाई-पुताई, सीसी पर डामर रोड सहित कई कामों पर लाखों खर्च किए, लेकिन कर्मचारियों की बुनियादी समस्याओं को हल नहीं किया। एक कर्मचारी ने आवास की मर मत कराने की मांग की, तो आईडब्ल्यू अफसरों ने उनको कह दिया कि हमारे पास ईंट नहीं हैं। दरअसल, उनके आवास में चोरी की दो घटना हो चुकी है। इस मामले को एईएन केके निगम से रेलवे का पक्ष जानना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
मेंटनेंस के लिए आता है एक करोड़

गुना में करीब 300 रेल आवासों के लिए लगभग 1 करोड़ की राशि स्वीकृत होती है। इसके बावजूद कर्मचारी बरसात में टपकती छतों, टूटे दरवाजों, फूटी हुई दीवारों, टूटे फर्श, उखड़े रोड, क्षतिग्रस्त सीवर लाइन के बीच जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं। छोटे-छोटे काम भी सालों से अटके पड़े हैं।

Home / Guna / रेलवे को चमकाने के लिए खर्च कर दिए तीन करोड़, आवासों के लिए ईंट तक नहीं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो