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गुना

बैठक के दो माह बाद भी नहीं हो सका पत्रों का निराकरण

लगभग दो महीने पहले हुई विभागों की समीक्षा बैठक में निर्देश देने के बावजूद माननीयों के पत्रों का निराकरण नहीं हो सका है। प्रभारी मंत्री इमरती देवी ने विधायक, मंत्रियों के पत्रों का निराकरण करने विभागीय अधिकारियों को तत्काल जवाब देने के आदेश दिए थे। लेकिन दो माह का लम्बा समय गुजर जाने के बावजूद कई विभागों की स्थिति यह है कि अभी तक विधायकों और मंत्रियों के पत्रों का निराकरण नहीं कर सके हैं। इनमें जल संसाधन विभाग, पीएचई, पीडब्लयूडी, राजस्व जैसे बड़े विभागों हीलाहवाली शामिल है।

गुनाSep 13, 2019 / 08:26 pm

brajesh tiwari

Letters could not be resolved even after two months of the meeting

लगभग दो महीने पहले हुई विभागों की समीक्षा बैठक में निर्देश देने के बावजूद माननीयों के पत्रों का निराकरण नहीं हो सका है।

गुना. जानकारी के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस सरकार में श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सबसे अधिक 49 विभागों को कुल 207 पत्र लिखे, जिनमें से मात्र 75 का निराकरण हुआ। पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 38 विभागों को सबसे अधिक 265 पत्र लिखे लेकिन 95 का ही निराकरण हुआ जबकि 171 शेष रहे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने 32 विभागों को 123 पत्र लिखे लेकिन 44 का ही निराकरण हुआ तथा 79 शेष रहे। गुना जिले की प्रभारी मंत्री व महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री इमरती देवी ने 27 विभागों को कुल 114 पत्र लिखे जिनमें से 35 का ही निराकरण किया गया जबकि 79 शेष रहे। चांचौड़ा विधायक लक्षमण सिंह ने 20 विभागों को कुल 33 पत्र लिखे लेकिन निराकरण मात्र 4 का ही हो सका जबकि 29 शेष रहे। सबसे दयनीय स्थिति क्षेत्रीय विधायक गोपीलाल जाटव की है। उन्होंने मात्र 4 पत्र लिखे लेकिन निराकरण एक का भी नहीं किया गया। इसी तरह गुना सांसद डॉ केपी यादव ने भी मात्र एक पत्र लिखा जिसे भी निराकृत नहीं किया गया। इस स्थिति को देख आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है आम जनता के आवेदनों की अधिकारियों की नजर में क्या स्थिति होगी।

प्रभारी मंत्री की नहीं सुनता शिक्षा विभाग


जिले की प्रभारी एवं महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री इमरती देवी ने शिक्षा विभाग को सबसे अधिक 24 पत्र लिखे जिनमें से मात्र 01 पत्र का ही निराकरण किया गया। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री जयवर्धन सिंह ने शिक्षा विभाग को कुल 7 पत्र लिखे लेकिन निराकरण एक ही पत्र का हो सका। श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कुल 17 पत्र शिक्षा विभाग को लिखे लेकिन निराकरण सिर्फ 3 का ही किया गया। चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह ने शिक्षा विभाग को कुल 4 पत्र लिखे लेकिन निराकरण एक भी नहीं हो सका।

श्रम मंत्री ने लिखे 42 पत्र


राजस्व विभाग श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के पत्रों का निराकरण करने में पीछे रहा है। सिसोदिया ने इस विभाग को सबसे ज्यादा 42 पत्र लिखे लेकिन निराकरण मात्र 4 का ही हो सका। क्षेत्रीय विधायक गोपीलाल जाटव ने भी इस विभाग को मात्र एक पत्र लिखा जिसका भी निराकरण नहीं किया। राघौगढ़ राजस्व विभाग को सांसद केपी यादव ने एक पत्र लिखा, निराकरण नहीं हुआ। चांचौड़ा विधायक लक्ष्मणसिंह के एक मात्र पत्र का राघौगढ़ राजस्व ने निराकरण नहीं किया। कलेक्टर टीएल बैठक में नाराजगी जाहिर करते रहे हैं।

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