तीन परियोजनाएं अधिकारी विहीन
जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की तीन परियोजनाएं हैं। आरोन, चांचौड़ा और बमोरी परियोजना में सीडीपीओ नहीं है। सीडीपीओ विशाल आनंद श्रीवास्तव की प्रतिनियुक्ति के बाद से अब और अभाव हो गया है। राघौगढ़ में विजय कोली और गुना में राजकुमारी जैन हैं, मगर जैन गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं। इस वजह से जिलेभर की 1660 आंगनवाड़ी केंद्र अफसरों के अभाव में पर्यवेक्षकों के माध्यम से देखे जा रहे हैं। जिला परियोजना अधिकारी जेएस वर्मा मानते हैं कि परियोजना अफसरों केअभाव में काम मुश्किल है, लेकिन पर्यवेक्षक हैं, उनसे व्यवस्था बनाए हैं। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों के खुलने और बंद होने का समय भी पाबंद नहीं हो पाता। जिन परियोजनाओं में पर्यवेक्षकों को सीडीपीओ का प्रभार दिया है। लेकिन इस प्रभार से व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है। पर्यवेक्षक भी नियमित रूप से केंद्रों का भ्रमण करने नहीं पहुंचतीं।
गुना शहर से लेकर गांवों में कुपोषित बच्चों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन बच्चों को पर्याप्त पोषण मिले, इसके लिए विभागों के अलावा सामाजिक संस्थाएं भी आगे नहीं आ रही है। एक समय गुना शहर में कई संस्थाओं ने कुपोषित बच्चों को गोद लिया था, लेकिन वे संस्थाएं फिलहाल गायब हैं।