स्वच्छ भारत अभियान की जमीनी हकीकत यह है कि जिला मुख्यालय पर सार्वजनिक स्थानों से लेकर भीड़ वाले इलाके जैसे मुख्य बाजार में महिला प्रसाधन सहज उपलब्ध नहीं है। उल्लेखनीय है कि करीब ३ लाख की आबादी वाले गुना शहर में महिलाओं की संख्या डेढ़ लाख के करीब है। यही नहीं जिले की प्रभारी मंत्री भी महिला हैं। इसके बावजूद महिलाओं की इस गंभीर समस्या की ओर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है।
इन स्थानों पर जरुरत है महिला प्रसाधन की
हनुमान चौराहा : शहर का हनुमान चौराहा, जहां अस्थायी बस स्टेैंड है। क्योंकि यहां शिवपुरी व ग्वालियर की ओर आने जाने वाली बसें रुकती हैं। वहीं अशोकनगर रुट पर जाने वाली यात्री भी यहीं खड़े होकर वाहनों का इंतजार करते हैं। इसके अलावा नजदीक में तहसील कार्यालय होने की वजह से ग्रामीण महिलाएं भी यहां खड़ी रहती हैं।
हाट रोड : यह इलाका शहर के व्यस्ततम मार्गों में से एक है। क्योंकि इस रोड पर डिवाइडर के दोनों ओर हाथ ठेले वाले व गुमठियों में सामान रखकर बेचने वालों की संख्या ज्यादा है। सब्जी, फल से लेकर मनिहारी विक्रेताओं में सबसे ज्यादा महिलाएं हैं। जिन्हें टॉयलेट जाने के लिए इस सड़क पर कोई भी व्यवस्था नहीं है।
सदर बाजार : शहर का मुख्य बाजार घनी आबादी वाले क्षेत्र में है। जहां ज्यादातर दुकानें सोने चांदी, कपड़े व महिलाओं से संबंधित सामानों की हैं। जिसके कारण बाजार में महिलाओं की खासी भीड़ रहती है। ऐसे में यहां महिला प्रसाधन की बेहद आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी तरह की स्थिति निचला बाजार क्षेत्र में भी है।
इन मार्गों पर भी नहीं है महिला प्रसाधन
हनुमान चौराहा से गुरुद्वारा रोड, रेलवे स्टेशन रोड, कोतवाली रोड, कलेक्ट्रेट रोड पर कहीं भी महिला प्रसाधन नहीं है। इसके अलावा जज्जी बस स्टैंड पर एक सुलभ शौचालय बना तो है लेकिन वह बस स्टैंड कैंपस के बाहर है। साथ ही स्टैंड परिसर में बसें खड़ी होने के बाद यात्रियों को यह सुलभ शौचालय नजर नहीं आता है। यही नहीं जिस स्थान पर सुलभ शौचालय है वहां आसपास प्राइवेट वाहन चालकों का इतना जमावड़ा रहता है कि महिला यात्री वहां नहीं जा पाती हैं।
जिस पर बीतती है उसे ही समझ आती है परेशानी
शहर के मुख्य बाजार में महिला प्रसाधन न होने से आने वाली परेशानी को लेकर पत्रिका ने कई महिला दुकानदार से बात की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नगर पालिका ने उन इलाकों में महिला प्रसाधन नहीं बनाए हैं जहां महिला दुकानदारों की संख्या ज्यादा है तथा अन्य कोई व्यवस्था भी नहीं है। सही बात तो यह है कि जिस पर बीतती है उसे ही परेशानी समझ में आती है।
महिलाओं की परेशानी उनकी जुबानी
इस रोड पर ज्यादातर दुकानदार महिलाएं हैं। जो मनिहारी के सामान के अलावा महिलाओं से संबंधित चीजें बेचती हैं। आसपास कहीं भी ऐसी जगह नहीं हैं जहां महिलाएं टॉयलेट जा सकेें। बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
भगवती बाई, मनिहारी विक्रेता
सब्जी मंडी प्रांगण में कहीं भी महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। जबकि यहां सबसे ज्यादा महिलाओं की संख्या है। मजबूरी में महिलाओं को काफी दूर अस्पताल कैंपस वाले सुलभ शौचालय में जाना पड़ता है।
गीता बाई, सब्जी विक्रेता