कहां क्या मिली स्थिति
स्थान : लोक निर्माण विभाग
समय : 10.39
स्थिति : कार्यक्षेत्र की दृष्टि से यह विभाग काफी बड़ा है। यही कारण है इसे तीन विभागों में विभाजित किया गया है। मूल विभाग लोक निर्माण विभाग ही है। मुख्यालय स्थित कार्यालय में वर्तमान में 10 से 12 का स्टाफ मौजूद है। लेकिन जब यहां पत्रिका टीम पहुंची तो किसी भी कक्ष में एक भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिले। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने बताया कि बड़े साहब अभी नहीं आए हैं, आज उन्हें टीएल मीटिंग में जाना है। हो सकता है वह सीधे निकल जाएं। बाकी स्टाफ आता ही होगा। वैसे 11 बजे तक सभी आ जाते हैं। थोड़ी देर बाद यानि कि 10.50 से स्टाफ का आना शुरू हुआ, एक के बाद एक चार कर्मचारी आ गए लेकिन एक भी कार्यालय के अंदर न जाते हुए खुले में बाइक को स्टैंड पर लगाकर धूप सेकने में लग गए।
अब बारी थी इसी परिसर में स्थित मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन कार्यालय महाप्रबंधक की। यहां 10.43 बजे तक सिर्फ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही मौजूद मिला। अंदर जाकर देखा तो स्थापना/लेखा कक्ष, लेखा अधिकारी, तकनीकी शाखा, जनरल मैनेजर कक्ष सहित अन्य सभी कमरों में कुर्सियां खाली पड़ी थीं। जानकारी लेने पर पता चला कि यहां 10 से 12 कर्मचारियों का स्टाफ है। आमतौर पर इसी तरह 11 बजे तक ही आता है। बड़े अधिकारियों के आने-जाने का समय कोई निश्चित नहीं है।
–
स्थान : पीआईयू कार्यालय
समय : 10.46
स्थिति : लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत ही पीआईयू शाखा आती है। कार्य क्षेत्र व्यापक होने की वजह से व्यवस्थागत रूप से इसे अलग रखा गया है। यहां जब पत्रिका टीम आई तो कार्यालय के बाहर कुर्सी पर बैठा कर्मचारी धूप सेक रहा था। जानकारी लेने पर बताया गया कि यहां 6 से 7 लोगों का ही स्टाफ है। लेकिन अभी कोई नहीं आया है। आमतौर पर इसी तरह स्टाफ 11 बजे तक ही आता है।
–
स्थान : तहसील कार्यालय
समय : 10.51
स्थिति : आम जनता के कार्य की दृष्टि से तहसील कार्यालय सबसे अहम विभागों में से एक है। यही कारण है कि यहां सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो जाता है। गौर करने वाली बात है कि तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांवों के लोगों को जमीन संबंधी के अलावा कई जरूरी प्रमाण पत्र बनवाने यहीं आना पड़ता है। जरूरी दस्तावेजों के अभाव या फिर अन्य कमी के चलते उन्हें कई बार यहां आना पड़ता है। ऐसी हालातों के बीच ज्यादातर समय तो अधिकारी या संंबंधित स्टाफ ही नहीं मिलता। या फिर मिल भी जाए तो काम आगामी दिनों के लिए लटक जाता है। मंगलवार को जब पत्रिका टीम ने यहां आकर देखा तो 11 बजे तक भी स्टाफ नहीं आया था।
यहां बता दें कि परिसर में तीन कार्यालय हैं एक शहरी तहसील कार्यालय और दूसरा ग्रामीण मतलब ऊमरी वृत अंतर्गत आने वाला कार्यालय। वहीं तीसरा पटवारी कार्यालय। शहरी तहसील कार्यालय के चार कक्षों में एक-एक कर्मचारी काम करते मिला लेकिन अन्य स्टाफ मौजूद नहीं था। वहीं ऊमरी तहसील कार्यालय में 10.53 बजे तक कोई भी नहीं आया था।