बारिश में अंतिम संस्कार बड़ी चुनौती
बांसाहैड़ा खुर्द गांव में रहने वाली 45 वर्षीय रामकन्या बाई हरिजन का शुक्रवार को सुबह 10:00 बजे निधन हो गया था लेकिन तेज बारिश के चलते मृतक का शव डेढ़ घंटे तक घर में ही रखा था। काफी देर तक बारिश बंद होने का इंतजार कर रहे ग्रामीणों को बारिश थमती नजर नहीं आई तो उन्होंने अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया। कीचड़ भरे रास्ते से महिला की अर्थी लेकर ग्रामीण श्मशान घाट पहुंचे। जहां टीन शेड न होने के कारण पहले तो 8-10 ग्रामीणों ने दो टीन शेड को हाथों से पकड़कर चिता के लिए छाया की और फिर गीली लकड़ियों को डीजल व टायर के साथ जलाकर महिला रामकन्या बाई की चिता जलाई गई।
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ग्रामीणों ने बताई पीड़ा
मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बसे ओर चाचौड़ा विधानसभा के बांसाहेड़ा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि आज तक उनके ग्राम में श्मशान घाट नहीं है जिसके चलते उन्हें हर बारिश में इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रशासनिक तौर पर भी इसकी शिकायत कई बार की गई है लेकिन आज तक कोई भी निर्माण कार्य श्मशान घाट को लेकर नहीं किया गया। दलित समुदाय के 1000 से अधिक लोग इस गांव में निवास करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वो ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि बस बारिश के मौसम में गांव में किसी का निधन न हो। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बारिश के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए पंचायत की तरफ से भी उन्हें किसी तरह की कोई मदद नहीं की जाती और इसी तरह चुनौतियों से जूझते हुए अपनों का अंतिम संस्कार करना पड़ता है।
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