ऐसे लगाते हैं पंप पर ग्राहकों को चपत
जैसे ही आप अपने वाहन में पेट्रोल भराने वहां पहुंचते हैं, वैसे ही सेल्समेन पम्प में मीटर की रीडिंग और आपके द्वारा दी जाने वाली राशि फीड करता है। इसके बाद फीड की गई मात्रा एवं राशि के आधार पर सेल्समेन ईंधन भरता है। इसके लिए पल्स यानी करंट दिया जाता है। यदि उसमें चिप लगी होगी यह पल्स कम हो जाती है। लेकिन ग्राहक को फीड मात्रा एवं राशि के आधार पर ही नोजल से पेट्रोल मिलना दिखाई देता है।
ये बरतें सावधानियां
पेट्रोल या डीजल भराते समय मीटर में जीरो जरूर देखें।
कार से उतरकर डीजल या पेट्रोल भरवाएं।
मशीन और पेट्रोल टेंक दोनों जगह आपकी नजर एक साथ बनी रहे।
नोजल पर सेल्समेन की हरकत पर नजर रखें। पेट्रोल डालते तक मीटर पर ध्यान बनाए रखें।
रोजाना लगभग पचास-साठ हजार लीटर पेट्रोल और डेढ़ लाख से अधिक डीजल की खपत होती है।
मशीन और कलपुर्जों में गड़बड़ी है तो इसकी जिम्मेदार कंपनी ही होती है। आप शिकायत कर सकते हैं।
राउंड फिगर में पेट्रोल या डीजल न भरवाएं। अलग-अलग राशि में लें।
शिकायतों के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
इतना ही नहीं पेट्रोल और डीजल में मिलावट का कारोबार भी बड़ी तेजी से चल रहा है। जिससे नए वाहनों में जल्द खराबी आ रही है। खास बात तो ये है कि सबसे अधिक चोरी हनुमान चौराहे स्थित एक पेट्रोल पंप पर हो रही है। जिसकी देखरेख का जिम्मा पुलिस विभाग स्वयं करता है। पिछले दिनों उपभोक्ता संरक्षण दिवस पर किसी भी विभाग ने जांच करना भी मुनासिब नहीं समझा।
जागरुकता की रस्म अदायगी
पिछले साल जांच के नाम केवल नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने केवल रस्म अदायगी की थी। सूत्रों ने बताया कि पैसे के राउंड फिगर में पेट्रोल या डीजल भराने पर आपको एक लीटर पर सौ से डेढ़ सौ ग्राम की चपत लगाया जाना आम बात हो गई है। कुछ जगह ग्राहकों के साथ हो रही ठगी की कई बार शिकायत हुई, मगर किसी विभाग ने कार्रवाई करने का साहस नहीं किया।
हजारों लीटर की चोरी रोज
बताया गया कि पेट्रोल-डीजल की अलग-अलग कंपनियों ने जिले में 54 पेट्रोल पंप हैं। इनमें कुछ पेट्रोल पंपों पर चिप भी लगा रखी हैं, जिनसे पेट्रोल और डीजल के नाम पर प्रतिदिन सैकड़ों लीटर की ठगी की जा रही है। ग्राहक की सतर्कता से पेट्रोल और डीजल की चोरी रुक सकती है। पलक झपकते ही या असावधानी बरतने पर सेल्समेन कितना पेट्रोल या डीजल की चोरी कर लें, इसका पता ही नहीं चलता। पेट्रोल पम्प पर सुविधाओं का जिक्र किया जाए तो न तो पानी पीने का इंतजाम है और न में हवा।