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गुना शहर में सेटेलाइट सर्वे में 20 हजार नई संपत्तियों को खोजा

कुल 42 हजार संपत्ति में से 26 हजार को टैक्स वसूलने नोटिस जारी विकास को गति देने अवैध कालोनियों से टैैक्स वसूलने में जुटी नपा नपा ने भूखंड के आधार पर कराया है सर्वे, नोटिस में मकान का फोटो भी है चस्पा

गुनाJan 12, 2021 / 09:44 pm

Narendra Kushwah

गुना शहर में सेटेलाइट सर्वे में 20 हजार नई संपत्तियों को खोजा

गुना शहर में सेटेलाइट सर्वे में 20 हजार नई संपत्तियों को खोजा

गुना. शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि अब शासन-प्रशासन ने संपूर्ण शहर के विकास की कार्ययोजना तैयार कर ली है। जिसके माध्यम से अब उन इलाकों में भी विकास कार्य कराए जाएंगे। जो अवैध कालोनी का तमगा लगा होने के कारण मूलभूत सुविधाओं से वंचित बने हुए थे। इस काम के लिए सरकार ने सबसे पहले आय का स्त्रोत बढ़ाने पर जोर दिया है। जिसके क्रम में शासन ने जीआईएस सर्वे के माध्यम से नई संपत्तियों को ढूंढ निकाला है। अब इनसे विभिन्न टैक्स वसूलने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जिन्हें यह पत्र मिल चुका है उन्हें 15 दिन के अंदर टैक्स जमा करना अनिवार्य है। अन्यथा की स्थिति में वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नगर पालिका से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के विकास की गति को तेज करने के लिए शासन ने आय बढ़ाने पर भी जोर देना शुरू कर दिया है। जिसके लिए शासन ने जीआईएस (जियोग्राफिक इनफॉरमेंशन सिस्टम) सर्वे कराकर शहर में 20 हजार नई संपत्तियों को खोज लिया है। यह पूरे सर्वे सेटेलाइट आधारित है। जिसके माध्यम से पहले पूरे शहर का फोटो लिया गया। इसके बाद वार्ड, कालोनी फिर एक-एक मकान व प्लाटों के फोटो लिए गए हैं। इनका बारीकी से एनालिसस करने के बाद 20 हजार नई संपत्तियां सामने आईं हैं। जबकि पिछली संपत्ति का संख्या 24 हजार थी। इस तरह कुल संपत्ति की संख्या 44 हजार हो गई है। अब इनके मालिकों से टैक्स वसूलने फोटो सहित बिल के रूप में नोटिस बंटवाए जा रहे हैैं। दो माह के दौरान 26 हजार नोटिस वितरित किए जा चुके हैं।
राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भूखंड व भवन स्वामियों को जो यह नोटिस दिए जा रहे हैं। उसमें शासन द्वारा निर्धारित दर के हिसाब टैक्स मांगा जा रहा है। कच्चा, पक्का मकान, स्वयं उपयोग कर रहे हैं या किराए पर दिया है। प्लाट खाली पड़ा है या उसका उपयोग निजी या व्यवसायिक हो रहा है, हरके के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित हैं। उसी हिसाब से टैक्स की वसूली की जा रही है।
बिना रजिस्ट्री व नामांतरण वालों को ज्यादा नोटिस
नपा अधिकारियों के मुताबिक अब तक 26 हजार लोगों को टैक्स जमा करने नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जिनके पास न तो रजिस्ट्री है और न ही उन्होंने नामांतरण कराया है। लेकिन ऐसे लोगों को सेटेलाइट सर्वे से खोज लिया गया और भूखंड के आधार पर नोटिस जारी किए गए हैें।

यह है नोटिस में
भवन का उपयोग स्वयं कर रहे हैं या फिर किराया पर दिया है
नगर पालिका द्वारा जलापूर्ति कनेक्शन प्रदाय किया गया है या नहीं
चालू वर्ष में संपत्ति कर मांग एवं बकाया राशि कितनी है
समेकित व शिक्षा उपकर कितना है
सूचना पत्र मिलने के 15 दिन में टैक्स जमा न करने वैधानिक कार्रवाई की जाएगी

इन बिंदुओं पर किया गया है सर्वे
मकान कच्चा है या पक्का
आवासीय उपयोग हो रहा है किराए पर
भवन का कुल साइज, कितना उपयोग हो रहा है
खुली भूमि का उपयोग व्यवसायिक हो रहा है या निजी

यह बोले वार्डवासी
पहली बार नपा ने टैक्स वसूली के लिए बिल रूपी नोटिस भेजा है। जिसमें मकान का फोटो भी चस्पा है। यदि विकास कार्य कराने यह टैक्स वसूला जा रहा है तो यह अच्छी बात है। लेकिन कुछ लोगों में टैक्स की राशि को लेकर विवाद है। उनका कहना है कि जो राशि नोटिस में दर्शाई गई है, उससे ज्यादा विभाग के अधिकारी बता रहे हंै। इस विवाद के चक्कर में यह टैक्स वसूली खटाई में न पड़ जाए।
तानाजी राव, वार्डवासी

यह बोले जिम्मेदार
शहर की प्रत्येक कालोनी व वार्ड का संपूर्ण विकास तभी संभव है जब शासन की आय बढ़े। इसीलिए शासन ने जीआईएस सर्वे कराकर नए संपत्ति मालिकों को नोटिस भेजकर टैक्स जमा करने की कार्रवाई शुरू करवाई है। नगरीय क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना नपा की जिम्मेदारी है। फिर चाहे वह अवैध कालोनी में रह रहा हो इससे कोई मतलब नहीं है।
तेज सिंह यादव, सीएमओ
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