लापरवाही यहीं तक सीमित नहीं है कि निर्माण कार्य में लगी बड़ी मशीनरी की आवाजाही पूरे समय स्कूल परिसर में बनी हुई है। ऐसे में स्कूल में इंटरवल के समय बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है। क्योंकि स्कूल परिसर में जगह रेत, गिट्टी के बड़े बड़े ढेर लगे हुए हैं। जमीन पर बड़ी मात्रा में आरसीसी के तार डले हुए हैं। ऐसे में इंटरवल के दौरान खेलने वाले बच्चे गंभीर रूप से चोटिल हो सकते हैं।
शौचालय में जाने से डरती हैं बालिकाएं
शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 के परिसर में ही कन्या माध्यमिक विद्यालय भी है। यहां पढऩे वाली सैकड़ों बालिकाओं की सुविधा के लिए भवन के ठीक सामने बालिका शौचालय बना है लेकिन इसका उपयोग बालिकाएं नहीं कर पा रही हैं। क्योंकि इसके पास ही खाली पड़ी जमीन पर इन दिनों कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य चल रहा है। इस काम में लगे लोगों द्वारा आरसीसी के तार काटने वाली मशीन को चलाने सीधे खंभे से तार डाले गए ।
यह तार बालिका शौचालय की छत पर तथा मेन गेट व खिड़की से बांध दिए हैं। वहीं तार का एक बड़ा हिस्सा मेन गेट की रैलिंग से होकर जमीन पर डला हुआ है। शौचालय के मेन गेट के ठीक सामने मजदूर पूरे समय तार काटने का काम करते हैं। ऐसे में असुरक्षा के बीच न तो बालिकाएं और न ही शिक्षिकाएं इस टॉयलेट का उपयोग कर पा रही हैं।
न पौधे बचे और न ट्रीगार्ड
शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 जाटपुरा के परिसर में चल रहे छात्रावास निर्माण में ठेकेदार द्वारा इतनी लापरवाही बरती जा रही है कि परिसर में लगे कई पौधे तथा ट्रीगार्ड तक तोड़ दिए गए हैं। पूरे परिसर में इधर उधर रेत व गिट्टी के टीले लगा दिए हैं।
यह बोले जिम्मेदार
बच्चों की सुरक्षा के प्रति मैं बहुत चिंतित रहता हूं। बच्चों के स्कूल में प्रवेश करने से लेकर इंटरवल में पूरे समय बच्चों की देखरेख की जाती है। जहां तक परिसर के ऊपर से गुजरे विद्युत तार के झूलने का सवाल है, तो यह छात्रावास निर्माण में लगी मशीनरी की आवाजाही से हो गई है। अन्य जो भी अव्यवस्था है उसे लेकर मैंने ठेकेदार को बोला है कि वह बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखे और पूरा काम सुरक्षित ढंग से करे।
लखनलाल शर्मा, प्रधानाध्यापक शासकीय मावि क्रमांक-1 जाटपुरा