67 गांव की सुरक्षा व्यवस्था संभालने सिरसी थाने में है 16 का स्टाफ
67 गांव की सुरक्षा व्यवस्था संभालने है 16 का स्टाफगर्मी होते ही गंभीर पेयजल संकट का सामना करते हैं पुलिसकर्मीअपराधियों से ज्यादा 60 किमी जर्जर सड़क से परेशान पुलिस
गुना. एक ओर जहां जिला मुख्यालय के थानों को आईएसओ (इंटरनेशनल स्टेंडर्स ऑर्गनाइजेशन) सर्टिफाइ बनाया जा रहा है। वहींं जिले में ग्रामीण अंचल के थाने मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। न तो थाने का भवन ठीक हालत में है और न ही पुलिस स्टाफ को रहने के लिए पर्याप्त आवास मौजूद हैं। यही नहीं क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांवों में पुलिसिंग के लिए पर्याप्त स्टाफ भी मौजूद नहीं है। इन सब समस्याओं के बीच पुलिस को पेयजल तक के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
हम बात कर रहे हैं गुना जिले के सिरसी पुलिस थाने की। जिसके अंतर्गत कुल 67 गांव आते हैं। इतने बड़े क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की अहम जिम्मेदारी संभालने के लिए मात्र 16 पुलिसकर्मियों का ही स्टाफ है। जिन्हें रहने के लिए पर्याप्त आवास तक मौजूद नहीं हैं। थाने के भवन की हालत भी कुछ ज्यादा ठीक नहीं है। वर्तमान में पुलिस को हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है। लेकिन गर्मी का सीजन शुरू होते ही धीरे धीरे यह हैंडपंप भी साथ छोड़ देेते हैं। इसके बाद पुलिस की असली परीक्षा शुरू होती है। उसे पेयजल के लिए ग्राम पंचायत से गुहार लगाकर टैंकर मंगवाने पड़ते हैं। कुल मिलाकर यहां थाना पुलिस अपराधों से ज्यादा मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ज्यादा परेशान है।
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आखिर कितनी बार बदलाएं टायर
सिरसी थाना, जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर है और यही दूरी पुलिस थाना स्टाफ के लिए बीते काफी समय से सबसे बड़ा सिर दर्द बनी हुई है। क्योंकि यह मार्ग बीते काफी समय से बेहद जर्जर हालत में है। जिसे आज तक प्रशासन ठीक कराने की जेहमत नहीं उठाई है। थाना प्रभारी ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए पत्रिका को बताया कि अपराधों से तो जिले के लगभग हर थाना लड़ता है लेकिन सिरसी थाना क्षेत्र में जो जर्जर सड़क की जो समस्या है, शायद इससे अन्य थाना अछूते होंगे। थाना पुलिस को पुलिसिंग के लिए मात्र एक चार पहिया वाहन मिला है जिसे जर्जर सड़क ने कंडम बना दिया है। महीने में कई बार पुलिस वाहन का टायर फट चुका है। समझ में नहीं आता कि कितनी बार नया टायर डलवाएं। जिला मुख्यालय से सिरसी तक 60 किमी का जर्जर सड़क मार्ग से केवल पुलिस ही नहीं आसपास के कई गांवों के लोग परेशान हैं। क्षतिग्रस्त सड़क से न सिर्फ वाहनों की टूट फूट हो रही है बल्कि सड़क दुर्घटनाएं भी बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। यदि कोई किसान ट्रेक्टर ट्रॉली या अन्य लोडिंग वाहन भरकर जिला मुख्यालय ले जाता है तो कई बार असंतुलित होकर पलट भी जाता है।
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नेटवर्क न मिलने से आती है संपर्क करने में परेशानी
सिरसी थाना भले ही जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर है। लेकिन यह इलाका जंगली क्षेत्र में होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी मोबाइल नेटवर्क न मिलने से आती है। चूंकि ग्रामीणों अंचल के थानों में लगे लैंडलाइन फोन तो काफी समय से खराब पड़े हैं। अब ऐसे में पुलिस सिर्फ मोबाइल के भरोसे है। लेकिन सिरसी थाना जंगली क्षेत्र में होने की वजह से अधिकांश समय नेटवर्क न मिलने के कारण पुलिस से संपर्क नहीं हो पाता। पुलिस तो किसी तरह वायरलेस सेट के जरिए संपर्क स्थापित कर लेती है। लेकिन यदि किसी ग्रामीण को जरूरी सूचना पुलिस को देनी हो तो वह नहीं दे पाता है।
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यह बोले जिम्मेदार
सिरसी थाना क्षेत्र में 67 गांव आते हैं तथा स्टाफ की संख्या 16 है। गर्मी के दिनों में पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। जंगली क्षेत्र होने की वजह से नेटवर्क न मिलने की समस्या भी रहती है। जिला मुख्यालय से सिरसी तक का 60 किमी का मार्ग बेहद जर्जर हो चुका है, जिससे बहुत परेशान हैं। पुलिस वाहन का कई बार टायर बदलवा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से मारपीट के मामले ज्यादा होते हैं।
अमृतलाल परिहार, थाना प्रभारी सिरसी
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फैक्ट फाइल
सिरसी थाने में अपराध
2020 के पूर्व में लंबित अपराध : 03
2020 में दर्ज अपराध : 08
कुल लंबित अपराध : 04
कुल लंबित मर्ग : 02
कुल लंबित चालान : 01
कुल लंबित शिकायत : 01
कुल गुमशुदगी : 04
लंबित वारंट
गिरफ्तारी : 04
जमानती : 03
स्थायी : 02
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