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पत्रिका बिग इश्यू : जिसकी सबसे ज्यादा जरुरत वह काम नहीं हो रहा, 5 साल से अटका थोक सब्जी-फल मंडी का मामला

तीन साल में चार जगह बदलीं फिर भी नहीं मिल सकी स्थायी मंडीट्रांसपोर्ट नगर के पास 13 बीघा जमीन मंडी के लिए आरक्षित लेकिन यहां शिफ्ट नहीं हो पा रही

गुनाNov 24, 2021 / 12:54 am

Narendra Kushwah

पत्रिका बिग इश्यू : जिसकी सबसे ज्यादा जरुरत वह काम नहीं हो रहा, 5 साल से अटका थोक सब्जी-फल मंडी का मामला

पत्रिका बिग इश्यू : जिसकी सबसे ज्यादा जरुरत वह काम नहीं हो रहा, 5 साल से अटका थोक सब्जी-फल मंडी का मामला

गुना. सरकार शहर के विकास के लिए जो बजट प्रशासन को उपलब्ध करा रही है, उसका उपयोग ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। यही नहीं जनप्रतिनिधि भी जनता से जुड़ी समस्याओं का निराकरण करने के वजाए अपने प्रचार-प्रसार के लिए अपनी निधि का दुरुपयोग कर रहे हैं। हम बात कर रहे हंै थोक सब्जी-फल मंडी की। जिसे पांच साल बाद भी स्थायी जगह उपलब्ध नहीं हो सकी है। जबकि शासन ने ट्रांसपोर्ट नगर के पास 13 बीघा जमीन इसी काम के लिए काफी समय पहले ही आरक्षित कर दी है। लेकिन प्रशासन आज तक इस जगह का उपयोग मंडी संचालन के लिए नहीं करवा सका है। यह स्थिति भी तब है जब दो साल तक कोरोना संक्रमण के कारण इस मंडी को रिहायशी इलाके से दूर करना पड़ा था। तत्समय यह मंडी नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी परिसर में भी लगाई गई। इसके बाद दशहरा मैदान में शिफ्ट कर दी गई। यहां से फिर नानाखेड़ी-ऊमरी रोड पर सिंचाई विभाग की खाली पड़ी जमीन पर शिफ्ट करवा दिया गया। तब से लेकर इसी जगह पर ही मंडी संचालित है। लेकिन यहां पर्याप्त जगह और सुविधाओं के अभाव में न सिर्फ व्यापारी परेशान हैं बल्कि सबसे बड़ी समस्या स्कूली बच्चों के अलावा इस रोड से निकलने वाले वाहन चालकों को उठानी पड़ रही है।

सड़क बनने के बाद हादसे की आशंका बढ़ी
वर्तमान में सब्जी-फल की थोक मंडी जिस जगह पर संचालित है। उसके ठीक सामने से जो रोड गई है वह गुना से ग्राम ऊमरी होते हुए बमोरी पहुंचाती है। इस लिहाज से यह सड़क अति व्यस्तम सड़कों में शुमार हो चुकी है। वहीं इस रोड केंद्रीय विद्यालय के अलावा कई निजी विद्यालय भी संचालित हैं। जहां सुबह के समय ही बच्चे पढऩे जाते हैं। इसलिए इस समय यहां ट्रैफिक ज्यादा रहता है। वहीं यही समय थोक मंडी का भी है। इसलिए सब्जी और फलों से भरे ट्रक व अन्य लोडिंग वाहन यहां न सिर्फ खाली होते हैं बल्कि लोड भी होते हैं। चंूकि इस मार्ग की सड़क हाल ही में बनकर तैयार हुई है। थोक मंडी से नानाखेड़ी मंडी गेट तक काफी ढलान है। वाहन काफी तेज रफ्तार से दौड़ते हैं। ऐसे में हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। खासकर स्कूल समय में छोटे बच्चों को ज्यादा खतरा रहता है। वहीं फल-सब्जी मंडी संचालन की वजह से हर दिन सुबह के समय जाम की स्थिति निर्मित रहती है। जिसका पालक कई बार विरोध कर चुके हैं। स्कूल प्रबंधन भी प्रशासन से समस्या निराकरण को लेकर गुहार लगा चुका है लेकिन इस गंभीर समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
न व्यापारियों को सुविधा और न ही मंडी को आय
थोक सब्जी-फल मंडी में इस समय 126 लाइसेंसधारी व्यापारी हैं। इसके अलावा भी कई व्यापारी बिना लाइसेंस के ही यहां व्यापार करते हैं। जिसे लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी बनी है। वर्तमान जिस भूमि पर मंडी संचालित है वह जल संसाधन विभाग की है। जिसके अधिकारी पहले आपत्ति दर्ज कर चुके हैं लेकिन कोरोना काल की स्थिति को देखते प्रशासन के कहने पर वह कुछ समय के लिए उक्त जमीन देने राजी हो गए थे। लेकिन बाद में प्रशासन ने अन्य जगह इसे शिफ्ट नहीं कराया। इस मंडी में प्रतिदिन करीब एक करोड़ का कारोबार होता है। लेकिन मंडी को इससे कोई आय नहीं हो रही है। वहीं प्रशासन की ओर से यहां व्यापारियों को जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराईं हंै। सिर्फ खाली जमीन देकर अपने कर्तव्य को जिम्मेदार अधिकारी भूल गए हैं।

फल-सब्जी मंडी की आरक्षित जमीन पर हो रही खेती
बताया जाता है कि शहर की थोक फल-सब्जी मंडी के लिए काफी समय पहले ही ट्रांसपोर्ट नगर के पास 13 बीघा जमीन शासन आरक्षित कर चुका है। लेकिन इच्छा शक्ति और सुविधाओं के अभाव में आज तक इस जमीन का उपयोग मंडी संचालन के लिए नहीं हो सका है। जिसके कारण आधी जमीन खाली पड़ी है तो वहीं शेष हिस्से पर कुछ लोगों द्वारा खेती की जा रही है।

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