थोक सब्जी-फल मंडी में इस समय 126 लाइसेंसधारी व्यापारी हैं। इसके अलावा भी कई व्यापारी बिना लाइसेंस के ही यहां व्यापार करते हैं। जिसे लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी बनी है। वर्तमान जिस भूमि पर मंडी संचालित है वह जल संसाधन विभाग की है। जिसके अधिकारी पहले आपत्ति दर्ज कर चुके हैं लेकिन कोरोना काल की स्थिति को देखते प्रशासन के कहने पर वह कुछ समय के लिए उक्त जमीन देने राजी हो गए थे। लेकिन बाद में प्रशासन ने अन्य जगह इसे शिफ्ट नहीं कराया। इस मंडी में प्रतिदिन करीब एक करोड़ का कारोबार होता है। लेकिन मंडी को इससे कोई आय नहीं हो रही है। वहीं प्रशासन की ओर से यहां व्यापारियों को जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराईं हंै। सिर्फ खाली जमीन देकर अपने कर्तव्य को जिम्मेदार अधिकारी भूल गए हैं।
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फल-सब्जी मंडी की आरक्षित जमीन पर हो रही खेती
बताया जाता है कि शहर की थोक फल-सब्जी मंडी के लिए काफी समय पहले ही ट्रांसपोर्ट नगर के पास 13 बीघा जमीन शासन आरक्षित कर चुका है। लेकिन इच्छा शक्ति और सुविधाओं के अभाव में आज तक इस जमीन का उपयोग मंडी संचालन के लिए नहीं हो सका है। जिसके कारण आधी जमीन खाली पड़ी है तो वहीं शेष हिस्से पर कुछ लोगों द्वारा खेती की जा रही है।