दरअसल, सुबह करीब 11.35 बजे प्लेट फार्म एक पर साबरमती ट्रेन का सिग्नल हो चुका था। गाड़ी को गुना से बीना ले जाने के लिए पायलेट राजेंद्र कुमार, असिस्टेंट पायलेट एसपी निराला आगे पहुंचकर खड़े थे कि अचानक पटरी बे्रक हो गई। उन्होंने वायरलेस सेट से ट्रेन को बीच में रोकने की सूचना दी। इसके बाद ट्रेन प्लेट फार्म एक पर आती, इससे पहले ही उसे दिया। करीब 45 मिनट में पटरी पर क्लैंप लगाए और ट्रेन को दोपहर 12.34 मिनट पर रवाना किया।
पैसेंजर को भी रोका
कोटा-बीना पैसेंजर को भी गुना स्टेशन पर रोकना पड़ा। पैसेंजर को करीब एक घंटा तक प्लेट फार्म एक पर ही खड़े रखा। दरअसल, रिपेयरिंग में काफी वक्त लगा। पटरी को फिर से जोड़ा गया है। जोडऩे के बाद सावधानी से ट्रेनों को निकाला जा रहा है।
जहां पटरी टूटी, वहां स्लीपर में भी गड़बड़ी
9 दिसंबर को जहां पटरी टूटी है, वहां स्लीपरों में भी गड़बड़ी है। सूत्रों ने बताया, प्लेट फार्म एक पर सीमेंट का बेस बनाया है। यहां जल्दबाजी में काम किया गया। उसमें स्लीपर सेट करने में गड़बड़ी हुई। ट्रेन निकालने में स्लीपर बैठक ले जाते हैं। ट्रैक भी 52 केजी का है। जबकि रुठियाई से बीना के बीच 60 केजी का ट्रैक किया जा रहा है। गुना स्टेशन का ट्रैक अपडेट नहीं हो सका।