अंडरब्रिज से नहीं निकल पाने के कारण चलते कई लोग जान जोखिम में डालकर पटरी पार करते दिखाई दिए। कई बार ऐसे नजारे भी सामने आए जब महिलाओं को बाईक से उतरकर दूसरी तरफ आने के लिए रेलवे पटरी पार करना पड़ी। रेलवे प्लेटफार्म से काफी दूर होने के कारण इस क्षेत्र में पटरी पर ट्रेन तेजी से गुजरती है। ऐसी स्थिति में कोई हादसा भी हो सकता था। इसकी एक वजह पटरी के दोनों तरफ ऊबड़-खाबड़ सड़क सड़क होना भी है। जिसमें भागते हुए लोग फिसल जाते हैं।
अंडरब्रिज से निकलने की जल्दबाजी करने वाले कई वाहन चालक उस समय मुसीबत में पड़ गए, जब वह ब्रिज में पानी भरा होने के बावजूद बाईक निकालने का प्रयास करते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अंडरब्रिज में जलभराव काफी था। इसके बावजूद कुछ ग्रामीण नहीं माने और बाईक निकालने का प्रयास किया। जैसे ही बाईक अंडरब्रिज में कुछ दूरी पर आगे बढ़़ी तो बाईक के सायलेंसर में पानी भर गया, जिसके बाद उन्हें अपने साथियों या बाहर खड़े लोगों की मदद बाईक निकालने में लेना पड़ी।
जिले के बांसखेड़ी, म्याना, महूगढ़ा सहित अन्य अंडरब्रिज के भी कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिले। बांसखेड़ी के अंडर में पानी भर जाने से काफी देर तक रास्ता बंद रहा। इसके बावजूद रेलवे द्वारा लगाए गए पम्प की सहायता से पानी निकाला गया। तब जाकर लोग बांसखेड़ी से गुना की तरफ आ सके। वहीं म्याना में अंडरब्रिज की समस्या से पिछले दो दिनों से लोग फिर जूझते दिखाई दिए। अंडरब्रिज में पानी भरने से म्याना का एबी रोड से सम्पर्क कट गया।