कांग्रेस भी दे रही जोर
हाल में नई दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में कांग्रेस के अन्य पिछडा वर्ग विभाग की ओर से आयोजित सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस वर्ग के प्रति सहानुभूति प्रकट की थी। कांग्रेस की राष्ट्र स्तर की इस नीति के अलावा हरियाणा में भाजपा के लिए पिछडा वर्ग एक संवेदनशाील मतदाता वर्ग के रूप में उभरा है।
इसे संवेदनशील बनाने में भाजपा के ही कुरूक्षेत्र से सांसद राजकुमार सैनी की बडी भूमिका है। उन्होंने हरियाणा में पिछडा वर्ग की प्रभावशाली जाति जाट और अन्य पिछडी जातियों के बीच एक विभाजक रेखा खींच दी है। सैनी हरियाणा की मौजूदा भाजपा सरकार द्वारा जाट समुदाय को अन्य पिछडा वर्ग की सी श्रेणी बनाकर दस फीसदी आरक्षण देने का विरोध करते रहे है। उन्होंने जाट समुदाय को पिछडा वर्ग की अन्य जातियों के प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश किया है।
लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार जाटों को विधेयक पारित कर पिछडा वर्ग श्रेणी में दस फीसदी आरक्षण देने के बाद भी अपने पक्ष में नहीं मोड पाई है। कारण यह है कि इस विधेयक को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद आरक्षण को संवैधानिक करार दिया लेकिन इसको पिछडा वर्ग आयोग की रिपार्ट पर आधारित कर दिया। पिछडा वर्ग आयोग जब जाट समुदाय का पिछडापन साबित करेगा तभी आरक्षण लागू होगा। अब पिछडा वर्ग आयोग की रिपोर्ट अटकी हुई है।
जाट समुदाय भाजपा से नाराज
जाट संगठन आरक्षण को लागू न करा पाने के लिए भाजपा सरकार को ही जिम्मेदार बता रहे है। साथ ही फरवरी 2016 के उग्र जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने के मुद्ये पर जाट संगठनों व सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है। हाईकोर्ट की निगरानी के चलते राज्य सरकार का गंभीर मामलों को वापस लेना संभव नहीं है। ऐसी हालत में हरियाणा में भाजपा को अन्य पिछडा वर्ग का झुकाव अपनी ओर मोडने के लिए खास मेहनत करना होगी।
सैनी लेकर आ रहे नया राजनीतिक दल
भाजपा सांसद राजकुमार सैनी आगामी अगस्त में ही लोकतंत्र सुरक्षा मंच नामक अपने संगठन को राजनीतिक दल के रूप में पेश करने की तैयारी में है। सैनी ने ऐलान किया है कि वे अगला चुनाव भाजपा के टिकट पर नहीं लडेंगे। ऐसे में साफ ही दिखाई देता है कि वे भाजपा के साथ पिछडा वर्ग के वोटों का बटवारा कर लेंगे। अमित शाह ने इन सभी पहलुओं के हरियाणा के नेताओं को कहा है कि वे पिछडा वर्ग पर फोकस करें।