बिजली है न पानी, अंधेरा और प्यास बन गई नियति
तूफान ने गिराए 800 से अधिक पोल, विभाग जुटा युद्ध स्तर पर
बिजली है न पानी, अंधेरा और प्यास बन गई नियति
रेवाड़ी. तीन दिन पूर्व मूसलाधार बरसात व ओलावृष्टि के साथ आई तेज आंधी ने जिले भर में 800 से अधिक बिजली के पोल तोड़ दिए थे, वहीं 30 से अधिक ट्रांसफार्मर धराशायी कर दिए थेे। इससे बाधित हुई बिजली आपूर्ति तीन दिन बाद भी चालू नहीं हुई है। बिजली व पेयजल सप्लाई नहीं होने से अनेक गांवों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। महिलाएं दो किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हंै।
बावल व खोल क्षेत्र की टंकियों व बूस्टिंग स्टेशनों में बने टैंकों में भी पानी खत्म हो रहा है। अगर एक-दो दिन और सप्लाई नहीं दी गई तो इन क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या बन सकती है। आंधी-तूफान से गिरे बिजली पोल व ट्रांसफार्मर की वजह से विद्युत विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। ग्रामीण अंचल में शायद ही कोई गांव बचा हो जिसमें बिजली के पोल व तारें न गिरे हों। विभाग के कर्मचारी युद्ध स्तर पर बिजली की आपूर्ति दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।
80 प्रतिशत कार्य हो गया पूरा
बिजली विभाग के अधीक्षक अभियंता पीके चौहान का कहना है कि 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। ग्रामीण अंचलों में बिजली व पेयजल की सप्लाई सोमवार से मिलनी शुरू हो जाएगी। सर्वप्रथम पेयजल वाली बिजली लाइनों को ही ठीक किया जा रहा है। कुछ गांवों को छोड़ सभी गांवों में आज शाम तक लाइट पहुंचा दी जाएगी। इसके बाद किसानों की ट्यूबवैल वाली लाइनों पर कार्य चालू किया जाएगा।
पी के चौहान, अधीक्षण अभियंता, विद्युत विभाग, रेवाड़ी
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